संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मिशन माली पहुंचा, फरवरी में चुनाव कराने का किया आग्रह

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का मिशन माली पहुंच गया है।मिशन का हिस्सा रहे, संयुक्त राष्ट्र में नाइजीरिया के राजदूत अब्दोयू अबारी ने कहा, ‘‘चुनाव के संबंध में माली के अधिकारियों ने इन बैठकों के बारे में हमसे बात की है। ये बैठकें दिसंबर में होंगी।

बमाको। माली में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए सप्ताहांत में देश की यात्रा पर पहुंचे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक मिशन ने देश के अधिकारियों से पिछले साल तख्तापलट के बाद पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय ब्लॉक के साथ हुए समझौतों को पूरा करने के वास्ते फरवरी में पूर्व निर्धारित चुनाव कराने का आग्रह किया है।

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संयुक्त राष्ट्र में केन्या के राजदूत मार्टिन किमानी के नेतृत्व में इस मिशन ने नागरिक समाज संगठनों, शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले समूहों, माली के प्रधानमंत्री और सत्ता हस्तांतरण के दौरान देश के राष्ट्रपति कर्नल असिमी गोइता से सप्ताहांत की यात्रा के दौरान मुलाकात की। किमानी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं सुधार (राजनीतिक और संस्थागत दोनों) की उस आकांक्षा को देखकर अभिभूत हूं, जो माली के अधिकतर नागरिक चाहते हैं। हम अब सत्ता हस्तांरतण के दौर के समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद चुनाव होगा।’’ हालांकि, माली के अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मिशन के साथ बैठक के बाद कहा कि वे चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए दिसंबर में माली के कई समूहों के साथ परामर्श करेंगे। मिशन का हिस्सा रहे, संयुक्त राष्ट्र में नाइजीरिया के राजदूत अब्दोयू अबारी ने कहा, ‘‘चुनाव के संबंध में माली के अधिकारियों ने इन बैठकों के बारे में हमसे बात की है। ये बैठकें दिसंबर में होंगी। हमने इसका विरोध नहीं किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि सत्ता हस्तांतरण में देरी ना की जाए और माली के नागरिकों को अपना नेता चुनने का मौका दें।’’

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अबारी ने कहा कि गोइता ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि ‘‘ सत्ता हस्तांतरण से जुड़े अधिकारी सत्ता में बने रहने के लिए यहां नहीं हैं और सत्ता हस्तांतरण को लेकर अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कोई भी कार्रवाई माली के नागरिकों के हित में होगी।’’ गोइता ने अगस्त 2020 में माली के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता को बेदखल कर सत्ता को अपने हाथ में ले लिया था। गोइता ने राष्ट्रपति के तौर पर इस साल जून में शपथ ली थी और उन्होंने फरवरी 2022 में चुनाव कराने का संकल्प भी लिया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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