संयुक्त राष्ट्र ने स्कूल नहीं जा पा रहे 1.5 अरब छात्रों की मदद के लिए टेक फर्मों से समझौता किया

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संयुक्त राष्ट्र की शिक्षा एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे 1.5 अरब से ज्यादा विद्यार्थियों की मदद के लिए उसने कुछ तकनीकी/प्रौद्योगिकी फर्मों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ समझौता किया है।

संयुक्त राष्ट्र की शिक्षा एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे 1.5 अरब से ज्यादा विद्यार्थियों की मदद के लिए उसने कुछ तकनीकी/प्रौद्योगिकी फर्मों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ समझौता किया है। पेरिस स्थित यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री एजुले ने कहा, ‘‘इससे पहले हमने कभी भी इस पैमाने पर शिक्षा में अवरोध आते नहीं देखा है।’’

एजेंसी का अनुमान है कि दुनिया के 87 प्रतिशत से ज्यादा छात्र स्कूल बंद होने से प्रभावित हो रहे हैं और उनमें से कई उपलब्धता के आधार पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों तथा दूरस्थ शिक्षा तकनीकों को अपनाने पर मजबूर हो रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रॅस ए. गेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘हम साथ मिलकर तरीका तलाशने में जुटे हैं ताकि दुनिया के सभी कोनों में बच्चे अपनी शिक्षा जारी रख सकें, खास तौर पर सबसे वंचित तबके के बच्चे।’’ संयुक्त राष्ट्र के इन प्रौद्योगिकी सहयोगियो में माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, फेसबुक और वीडियो कांफ्रेंसिंग विशेषज्ञ जूम के अलावा मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों का एसोसिएशन जीएसएमए भी शामिल है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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