Sudan में एक पक्ष ने स्वास्थ्य प्रयोगशाला पर किया नियंत्रण : संरा ने किया आगाह

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यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब प्रतिद्वंद्वी बलों के बीच संघर्ष विराम के बावजूद अधिकारियों ने आगाह किया कि अधिकतर शरणार्थी सूडान छोड़ सकते हैं। सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष जारी है जिससे देश में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि सूडान संघर्ष में एक पक्ष ने राजधानी खार्तूम में एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रयोगशाला का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है, जिसमें जैविक सामग्री है। अधिकारियों ने इसे सूडान संघर्ष में एक ‘‘बेहद खतरनाक’’ मोड़ बताया है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब प्रतिद्वंद्वी बलों के बीच संघर्ष विराम के बावजूद अधिकारियों ने आगाह किया कि अधिकतर शरणार्थी सूडान छोड़ सकते हैं। सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष जारी है जिससे देश में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

संघर्षों से पहले, संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया था कि सूडान की एक तिहाई आबादी यानी करीब 1.6 करोड़ लोगों को मदद की जरूरत है और इस आंकड़े के बढ़ने की आशंका भी है। सूडान में विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिनिधि डॉ. नीमा सईद ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की कि ‘‘किसी एक पक्ष ने’’ खार्तूम में केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला को नियंत्रण में ले लिया है और ‘‘सभी कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया है।’’ हालांकि सईद ने इस बात पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि किस पक्ष ने प्रयोगशाला पर कब्जा किया है।

पोर्ट सूडान से वीडियो कॉल के जरिए जिनेवा में हो रही बैठक में शामिल लोगों से उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद खतरनाक है क्योंकि प्रयोगशाला में ‘पोलियो आइसोलेट्स’ हैं। प्रयोगशाला में ‘मिसेल्स (खसरा) आइसोलेट्स’ हैं। प्रयोगशाला में ‘कॉलेरा (हैजा) आइसोलेट्स’ हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लड़ने वाले दलों में से एक के खार्तूम में केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला को कब्जे में लेने से एक बड़ा जैविक खतरा खड़ा हो गया है।’’

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, खार्तूम में कर्मचारियों को निकाल देने और बिजली काट देने का मतलब है, ‘‘चिकित्सकीय मकसद के लिए प्रयोगशाला में संग्रहित जैविक सामग्रियों का ठीक से प्रबंधन करना संभव नहीं हो पाएगा।’’ सूडान में 15 अप्रैल को संघर्ष शुरू होने के बाद कम से कम 20,000 लोग चाड जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता ओल्गा सर्राडो ने बताया कि सूडान में रह रहे करीब 4,000 दक्षिण सूडानी शरणार्थी अपने देश लौट चुके हैं। जिनेवा की बैठक में उन्होंने कहा, ‘‘ संघर्ष के कारण देश के भीतर और बाहर दोनों जगह विस्थापन बढ़ गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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