रासायनिक हथियारों के विरुद्ध एक हों सभी देशः भारत

भारत ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को भविष्य में रासायनिक हथियारों के किसी भी इस्तेमाल की संभावना को रोकने के लिए त्वरित उपाय करना चाहिए एवं निर्णायक कदम उठाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने आतंकवादी संगठनों के हाथों में रासायनिक हथियारों के पहुंचने पर गहरी चिंता जतायी है और कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को भविष्य में ऐसे हथियारों के किसी भी इस्तेमाल की संभावना को रोकने के लिए त्वरित उपाय करना चाहिए एवं निर्णायक कदम उठाना चाहिए। जिनेवा में नि:शस्त्रीकरण सम्मेलन में स्थायी प्रतिनिधि राजदूत डीबी वेकेंटेश वर्मा ने बुधवार को यहां कहा, ‘‘हमारा तर्कसंगत रूख रहा है कि किसी भी परिस्थिति में किसी के भी द्वारा कभी भी कहीं भी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल उचित नहीं ठहराया जा सकता और ऐसे वीभत्स कृत्य करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि भारत आतंकवादी संगठनों के रासायनिक हथियार हासिल करने और उनके हाथों में उनकी निर्गत प्रणाली होने तथा सीरिया एवं इराक में आतंकवादियों द्वारा रासायनिक हथियारों एवं जहरीले रसायनों के निरंतर उपयोग की रिपोर्ट को लेकर बहुत चिंतिंत है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र की पहली समिति सत्र में कहा, ‘‘हम मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को रासायनिक हथियारों के किसी भी भावी इस्तेमाल की संभावना को रोकने के लिए त्वरित उपाय एवं निर्णायक कदम उठाना चाहिए।’’ वर्मा ने कहा कि भारत में बड़ा एवं तेजी से बढ़ता रसायन उद्योग है और उसके पास दूसरी सबसे अधिक घोषित रासायनिक सुविधाएं (संयंत्र) भी हैं तथा वह रासायनिक हथियार रोकथाम संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) द्वारा सबसे अधिक निरीक्षणों से गुजरने वाले देशों में है।

वर्मा ने कहा कि भारत का सत्यापन निरीक्षणों का बेदाग ट्रैक रिकार्ड है और वह मानता है कि ओपीसीडब्ल्यू को निरीक्षणों के लिए पारदर्शी एवं वस्तुनिष्ठ मापदंड एवं तौर तरीके विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘कन्वेंशन के प्रावधानों को इस तरह लागू किया जाए कि यह खासकर, बड़े एवं बढ़ते रसायन उद्योग वाले भारत जैसे देशों में वैध गतिविधियों में रूकावट न डाले।’’ नि:शस्त्रीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को देखने वाली इस समिति से भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत में मजबूत कानून आधारित निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है जो परमाणु, रासायनिक, जैविक और जहरीले हथियारों एवं उनके पहुंचने के तौर तरीकों के संदर्भ में उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुरूप हैं।

उन्होंने कहा कि भारत ने सीरियाई रासायनिक हथियारों एवं रासायनिक हथियार उत्पादन संयंत्रों के विनाशन में संयुक्त राष्ट्र एवं ओपीसीडब्ल्यू के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में योगदान दिया है और उन्होंने उनके विनाश में हासिल हुई प्रगति का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत विश्वास एवं सहयोग की भावना से सभी लंबित मुद्दों के पूर्ण समाधान के लक्ष्य से सीरिया एवं ओपीसडब्ल्यू के बीच और विचार विमर्श को प्रोत्साहित करेगा।’’

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