संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा अभियानों की समीक्षा करेगा अमेरिका
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अमेरिका संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों की समीक्षा के बारे में विचार कर रहा है। उसका कहना है कि ऐसे अभियानों में नागरिकों की सुरक्षा या राजनीतिक हल पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता।
न्यूयार्क। अमेरिका संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षा अभियानों की समग्र समीक्षा के बारे में विचार कर रहा है। उसका कहना है कि ऐसे अभियानों में नागरिकों की सुरक्षा या राजनीतिक हल पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता बल्कि इनके केंद्र में अकसर देशों को दिया जाने वाला सैन्य या आर्थिक योगदान होता है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा अभियान एक ऐसा क्षेत्र हैं, जिनमें सुधार की भारी संभावना है। उन्होंने कहा कि अप्रैल में जब वह 15-राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की चक्रीय अध्यक्षता संभालेंगी, तब शांति रक्षा के मामले में उनका रूख कुछ अलग होगा।
‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स’ नामक थिंकटैंक में बुधवार को एक भाषण के दौरान निक्की ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र के किसी भी शांति रक्षा मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि संघर्षों के राजनीतिक हल निकाल लिए जाएं लेकिन बहुत बार हमारे शांतिरक्षा प्रयासों के केंद्र में देशों या संयुक्त राष्ट्र के अफसरशाहों को सैन्य और आर्थिक योगदान करना आ जाता है।’’ निक्की ने कहा कि अमेरिका ‘‘इस बारे में एक समग्र दृष्टिकोण तैयार करेगा कि शांतिरक्षा अभियानों की समीक्षा कैसे की जानी चाहिए और आगे कैसे बढ़ा जाना चाहिए। हम मुश्किल सवाल पूछेंगे।’’ भारत संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा अभियानों में सबसे अधिक सैन्य योगदान करने वाले देशों में से एक रहा है। निक्की ने शांतिरक्षा में अमेरिकी सहयोग कम करने और इसे मौजूदा 28 प्रतिशत के स्तर से कम करके 25 प्रतिशत तक सीमित करने की पैरोकारी की।
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