अमेरिकी डिप्टी NSA ने भारत को किया आगाह, LAC पर चीनी गतिरोध में रूस नहीं देगा साथ
अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सिंह रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को वापस लेने की कोशिश करने वाले किसी भी देश के परिणामों के बारे में अपनी टिप्पणी में सख्त नजर आए। उन्होंने नई दिल्ली को चीन और मास्को की 'नो लिमिट्स पार्टनरशिप' के बारे में भी याद दिलाया।
रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका वाले संयुक्त राज्य अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी पर दोनों देशों के बीच 2 + 2 वार्ता से पहले गुरुवार को भारत पहुंचे। सिंह की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव गुरुवार से शुरू होने वाले दो दिनों के लिए भारत में हैं। मास्को द्वारा पिछले महीने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद से ये उनकी पहली यात्रा है। यूएस डिप्टी राष्ट्रीय सचिव दलीप सिंह ने इस दौरान रूस और चीन को लेकर भारत को बड़ा संदेश दिया है।
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अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सिंह रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को वापस लेने की कोशिश करने वाले किसी भी देश के परिणामों के बारे में अपनी टिप्पणी में सख्त नजर आए। उन्होंने नई दिल्ली को चीन और मास्को की 'नो लिमिट्स पार्टनरशिप' के बारे में भी याद दिलाया। इसके साथ ही दलीप सिंह ने भारत को आगाह करते हुए इस भ्रम में न रहने की हिदायत दी कि अगर चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन करता है तो रूस उसकी रक्षा में आएगा। अमेरिकी डिप्टी एनएसए ने कहा कि मॉस्को और बीजिंग अब "नो लिमिट पार्टनरशिप" में हैं।
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हालांकि उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत जैसे मित्र "रेड लाइन" निर्धारित नहीं करते हैं और नई दिल्ली में उनकी चर्चा वैश्विक शांति और सुरक्षा को रेखांकित करने वाले मूल सिद्धांतों की रक्षा के बारे में एक "ईमानदार बातचीत" की तरह है। रूस के रियायती कच्चे तेल के प्रस्ताव को लेने के भारत के हालिया निर्णय के बारे में एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हम जो नहीं देखना चाहते हैं वह रूस से भारत के आयात में तेजी से वृद्धि है क्योंकि यह ऊर्जा या किसी अन्य निर्यात से संबंधित है जो वर्तमान में अमेरिका या अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध व्यवस्था के अन्य पहलुओं द्वारा प्रतिबंधित किया जा रहा है।
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