अमेरिका ने अफगानिस्तान का प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा खत्म किया

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काबुल की हुकूमत तालिबान के हाथों में जाने के एक साल से अधिक समय के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के दर्जे को समाप्त कर दिया है।

काबुल की हुकूमत तालिबान के हाथों में जाने के एक साल से अधिक समय के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के दर्जे को समाप्त कर दिया है। अमेरिका ने 2012 में अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (एमएनएनए) का दर्जा दिया था, जिसके माध्यम से दोनों देशों के बीच रक्षा और आर्थिक संबंध बरकरार थे। इस दर्जे के कारण अफगानिस्तान को रक्षा और सुरक्षा संबंधी बहुत सारी सहायता व सुविधाएं हासिल थीं।

बाइडन ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को भेजे एक ज्ञापन में कहा, “अमेरिका के संविधान और कानून के तहत राष्ट्रपति के रूप में मुझे प्राप्त शक्ति के अंतर्गत, जिसमें विदेशी सहायता अधिनियम 1961 भी शामिल है,… मैं अफगानिस्तान को दिए गए प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के दर्जे को समाप्त करता हूं।” एमएनएनए का दर्जा पहली बार 1987 में शुरू किया गया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, अफगानिस्तान का एमएनएनए दर्जा समाप्त किए जाने के बाद अब अमेरिका के 18 प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी रह गए हैं।

इनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्राजील, कोलंबिया, मिस्र, इजराइल, जापान, जॉर्डन, कुवैत, मोरक्को, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, फिलिपीन, कतर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया शामिल हैं। विदेश विभाग के मुताबिक, ताइवान को औपचारिक दर्जा दिए बगैर भी अमेरिका के गैर-नाटो सहयोगी के रूप में माना जाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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