अमेरिकी सासंदों ने की बाइडेन प्रशासन से अपील, कोविड की दूसरी लहर से प्रभावित भारत को दी जाए पूरी सहायता

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भारत में पिछले साल वैश्विक महामारी की शुरुआत के बाद से कोरोना वायरस के तीन करोड़ से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और करीब 4,00,000 मरीजों की मौत हुई है।

वाशिंगटन। भारत को अमेरिका का महत्वपूर्ण मित्र एवं सहयोगी बताते हुए, शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने बाइडन प्रशासन से घातक कोविड-19 वैश्विक महामारी से बुरी तरह प्रभावित देश को सहायता पहुंचाने में मदद करने की सोमवार को अपील की। भारत में पिछले साल वैश्विक महामारी की शुरुआत के बाद से कोरोना वायरस के तीन करोड़ से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और करीब 4,00,000 मरीजों की मौत हुई है। वरिष्ठ अमेरिकी सांसदों ने सोमवार दोपहर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में उस प्रस्ताव का समर्थन किया जिसमें बाइडन प्रशासन से भारत को निजी और उदारता पूर्ण चिकित्सीय आपूर्ति दान को सुगम बनाने और अतिरिक्त, तत्काल जरूरी चिकित्सीय आपूर्तियां जिसमें ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र और क्रायोजेनिक टैंकर एवं कंटेनर शामिल हैं, उन्हें भेजने के लिए अपील की गई है। भारत कॉकस के सह-अध्यक्ष कांग्रेस सदस्य ब्रैड शर्मन और स्टीव चाबोट द्वारा पेश किया गया द्विपक्षीय प्रस्ताव कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने के बीच भारत के लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करता है।

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सदन की शक्तिशाली विदेश मामलों की समिति के प्रमुख, कांग्रेस सदस्य ग्रेगरी मीक्स ने कहा, “मैं सदन के प्रस्ताव 402 का समर्थन करते हुए भारत में कोविड-19 के प्रलयकारी प्रभाव की प्रतिक्रिया में सहायता देने की अपील करता हूं। यह प्रस्ताव...बेहतरीन कदम है जो कोरोना वायरस के संक्रमण की इस हालिया लहर से उबरते हुए भारत के लोगों के प्रति इस निकाय के पहले से मजबूत, द्विपक्षीय समर्थन को और ठोस बनाता है।” मीक्स ने कहा कि सभी पृष्ठभूमि वाले भारतीय, युवा एवं बुजुर्ग, ग्रामीण एवं शहरी, इस वैश्विक महामारी से प्रभावित हुए हैं, जहां संक्रमण चिंताजनक दर से बढ़ा और स्वास्थ्य व्यवस्था सभी संक्रमितों को देखभाल उपलब्ध कराने में संघर्ष करती रहीं तथा देशभर से चिकित्सीय आपूर्तियों की कमी की खबरें आ रही हैं।

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बाइडन प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया से खुश, मीक्स ने कहा कि अमेरिका ने भारत को अत्यंत आवश्यक चिकित्सीय आपूर्तियां भेजीं। उन्होंने कहा, “अब हम देख रहे हैं कि कोविड-19 के मामले घटने शुरू हो गए हैं। लेकिन हम अपनी सुरक्षा को कम नहीं कर सकते। हमें संक्रमण की नयी संभावित लहर के लिए ज्यादा तैयार रहना होगा। यह समझना जरूरी है कि हममें से कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक कि हम सब सुरक्षित नहीं हैं।” मीक्स ने कहा, “यह वैश्विक महामारी इस बीमारी से वैश्विक स्तर पर लड़ने में भारत की भूमिका को लगातार प्रदर्शित कर रही है। वैश्विक चिकित्सा उत्पादन आपूर्ति श्रृंखला में इसकी भूमिका इस महामारी को हराने में अहम है। वैश्विक समुदाय भारतीय फार्मास्युटिकल और टीका उत्पादन क्षमता पर आश्रित है। भारत में जो कुछ होता है उसका असर नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में भी देखने को मिलता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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