अमेरिका ने तो गजब कर दिया! F-18 में लगने वाला इंजन...पहली बार होगा ऐसा जिसे सुनकर चीन-पाक का सिर चकरा जाएगा

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अभिनय आकाश । Jun 27 2025 5:06PM

एचएएल के चेयरमैन डीके सुनील कह रहे हैं कि भारत और जीई के बीच एफ 414 के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का 80 प्रतिशत समझौता पूरा होगा। यानी भारत को अब केवल इंजन नहीं मिलेगा बल्कि भारत को वो तकनीक मिलेगी, जिससे इंजन बनता है। ये सिर्फ रक्षा क्षेत्र की डील नहीं बल्कि अमेरिका के भरोसे की मुहर है।

भारत अब केवल फाइटर जेट उड़ा नहीं रहा। भारत अब फाइटर जेट का दिल भी खुद बनाएगा और ये कोई छोटा मोटा दिल नहीं बल्कि जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) का एफ 414 टर्बो फैन इंजन है। ये वो इंजन है जो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन जैसे देशों के लड़ाकू विमानों को पंख देता है। अब वही इंजन भारत में बनेगा। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की फैक्ट्री में भारतीय हाथों से भारतीय जमीन पर इसका निर्माण होगा। एक वक्त था जब अमेरिका किसी को अपनी सैन्य तकनीक छूने तक नहीं देता था। लेकिन आज एचएएल के चेयरमैन डीके सुनील कह रहे हैं कि भारत और जीई के बीच एफ 414 के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का 80 प्रतिशत समझौता पूरा होगा। यानी भारत को अब केवल इंजन नहीं मिलेगा बल्कि भारत को वो तकनीक मिलेगी, जिससे इंजन बनता है। ये सिर्फ रक्षा क्षेत्र की डील नहीं बल्कि अमेरिका के भरोसे की मुहर है। 

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क्यों इतना जरूर है एफ 414

एफ-414 इंजन जीई 404 का उन्नत संस्करण है, जिसे 1970 के दशक में विकसित किया गया था। विशेष रूप से इस इंजन का उपयोग अमेरिकी जेट विमानों द्वारा 30 वर्षों से अधिक समय से किया जा रहा है। ये वही इंजन है जो अमेरिका के एफ 18 सुपर हार्नेट जैसे जेट्स में इस्तेमाल होता है। इसकी ताकत 22 हजार पाउंड ट्रस्ट है। 

कैसे माना अमेरिका 

जीई के F-414 इंजन को भारत में बनाने की योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2023 की अमेरिका यात्रा के दौरान बनी थी। लेकिन, टेक्नोलॉजी को साझा करने को लेकर बातचीत में देरी हुई। इसलिए इस प्रोजेक्ट में थोड़ा समय लग गया। इससे चीन-पाकिस्तान जैसे भारत के दुश्मनों को काउंटर करने में मदद मिलेगी। भारत और अमेरिका के बीच इंजन को लेकर समझौता होने वाला है। GE का F-414 इंजन तेजस Mk2 और AMCA जैसे विमानों को ताकत देगा। तेजस AESA रडार से भी लैस होगा, जो इसे बेहद पॉवरफुल बनाएगा। 

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पहली बार सैन्य तकनीक देने को राजी हुआ अमेरिका

एचएएल और जीई के बीच यह सौदा पहली बार है जब एफ-414 इंजन भारत में विकसित किए जाएंगे। एफ-414 इंजन वर्तमान में अमेरिका, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कुवैत, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया में उपयोग में हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि एफ-414 इंजन एफ404 की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक शक्तिशाली है। एचएएल के चेयरमैन डीके सुनील ने कहा है कि इंजन तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 2 के पहले प्रोटोटाइप के साथ-साथ एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) को शक्ति प्रदान करेंगे। विशेष रूप से एएमसीए भारत का पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है, जो बेहतर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और उच्च पेलोड क्षमता से लैस है। 

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