अफगानिस्तान में अमेरिका को अपनी क्षमता बनाए रखने की है आवश्यकता
हास्पेल ने कहा कि शांति वार्ता अमेरिका के विशेष दूत जलमय खलीलजाद के पिछले कई महीनों, खासकर दोहा में पिछले आठ दिनों के अत्यंत गहन प्रयासों का परिणाम है जहां उन्होंने तालिबान के साथ बातचीत की।
वॉशिंगटन। सीआईए निदेशक जिना हस्पेल ने तालिबान के साथ संभावित शांति समझौते के बारे में कहा कि अफगानिस्तान में ‘‘निगरानी रखने वाले एक बेहद मजबूत शासन’’ की आवश्यकता है और अमेरिका को ‘‘राष्ट्रीय हितों’’ के लिए अपनी क्षमता को बरकरार रखने की जरूरत है। हस्पेल ने खुफिया मामलों पर सीनेट सलेक्ट समिति के सामने कहा, ‘‘वहां मौजूद आतंकवादी समूहों पर दबाव बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है और यदि आखिरकार शांति समझौता होता है तो निगरानी रखने के लिए एक बहुत मजबूत शासन आवश्यक होगा और हमें हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए अपनी क्षमता बरकरार रखने की आवश्यकता होगी।’’
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सीनेटर एंगस किंग ने प्रश्न किया था कि क्या अमेरिका तालिबान के साथ समझौते पर भरोसा कर सकता है, इसके जवाब में हस्पेल ने यह बयान दिया। हास्पेल ने कहा कि शांति वार्ता अमेरिका के विशेष दूत जलमय खलीलजाद के पिछले कई महीनों, खासकर दोहा में पिछले आठ दिनों के अत्यंत गहन प्रयासों का परिणाम है जहां उन्होंने तालिबान के साथ बातचीत की।
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CIA Chief Warns Afghan Deal Would Require Monitoring Terrorists
— ShamshadNews (@Shamshadnetwork) January 30, 2019
“We have inflicted severe damage on al-Qaeda” but“it’s very important that we maintain pressure on the terrorist groups” in #Afghanistan & retain the ability to act against them if needed,"CIA chief Gina Haspel said. pic.twitter.com/1utPaHVjUv
इस बीच राष्ट्रीय खुफिया निदेशक डैन कोट्स ने कहा, ‘‘तालिबान के साथ समझौते पर पहुंचने के मौजूदा प्रयास और अमेरिकी बलों की संभावित वापसी पर निर्णय आगामी वर्षों में अफगानिस्तान की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी पाकिस्तान में अपनी पनाहगाह का फायदा उठाकर पड़ोसी देशों और संभवत: अन्य देशों पर भी हमलों की योजना बनाते रहेंगे और उन्हें अंजाम देते रहेंगे। हम पाकिस्तान द्वारा लगातार परमाणु हथियारों का निर्माण करने और नियंत्रण को लेकर चिंतित हैं।’’
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