कोविड-19 का टीका खोजने के वैश्विक प्रयास में शामिल नहीं होगा अमेरिका, क्या चीन है बड़ी बजह?

COVID-19 vaccine

ट्रंप ने दावा किया है कि डब्ल्यूएचओ में सुधार की जरूरत है और वह चीन से बहुत ज्यादा प्रभावित है। कुछ राष्ट्रों ने टीका आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए प्रत्यक्ष तौर पर काम किया है लेकिन अन्य बीमारी के खिलाफ सफलता सुनिश्चित करने के प्रयासों में साझेदारी कर रहे हैं।

वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि वह कोविड-19 के लिए टीका विकसित एवं वितरित करने के अंतरराष्ट्रीय सहकारी प्रयासों में शामिल नहीं होगा क्योंकि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) जैसे बहुपक्षीय समूहों द्वारा निरुद्ध नहीं किया जाना चाहता है। जुलाई की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ से अमेरिका के बाहर निकलने के व्हाइट हाउस के फैसले के बाद इस दिशा में अकेले आगे बढ़ने का फैसला आया है। ट्रंप ने दावा किया है कि डब्ल्यूएचओ में सुधार की जरूरत है और वह चीन से बहुत ज्यादा प्रभावित है। कुछ राष्ट्रों ने टीका आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए प्रत्यक्ष तौर पर काम किया है लेकिन अन्य बीमारी के खिलाफ सफलता सुनिश्चित करने के प्रयासों में साझेदारी कर रहे हैं।

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विश्व के 150 से ज्यादा देश कोविड-19 टीका वैश्विक पहुंच सुविधा या कोवैक्स की स्थापना कर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ से संबंधित इस सहकारी प्रयास के तहत राष्ट्रों को संभावित टीकों के पोर्टफोलियो का लाभ मिल सकेगा जिससे वे प्रभावी लगने वाले टीके को अपने नागरिकों को जल्द से जल्द दे पाएंगे। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जूड डीरे ने कहा, “अमेरिका वायरस को हराने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेगा लेकिन भ्रष्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन से प्रभावित बहुपक्षीय संगठनों द्वारा मजबूर नहीं किए जा सकते।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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