भारत के साथ करीबी और मजबूत रक्षा संबंध चाहते हैं: कार्टर
वाशिंगटन। अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने कहा है कि अमेरिका भारत के साथ ‘‘करीबी और मजबूत’’ सैन्य संबंध विकसित करना चाहता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी प्रस्तावित भारत यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध में एक ‘नया मील का पत्थर’ साबित हो सकती है। जल्दी ही भारत यात्रा पर जाने के संकेत देते हुए कार्टर ने मंगलवार को कहा, ‘‘हम (भारत के साथ) एक यथासंभव करीबी और मजबूत संबंध का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि यह भू-राजनैतिक रूप से महत्वपूर्ण है।’’
एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में उन्होंने कहा, ‘‘उनके साथ हम दो विशेष चीजें कर रहे हैं। पहला, हम पुनर्संतुलन की ओर जा रहे हैं.. एक तरह से कहा जाए तो यह अमेरिका की ओर से ‘वेस्टवर्ड’ (पश्चिम की ओर) नीति पेश करने जैसा है। उनके पास एक्ट ईस्ट पहले से ही है, जो उनका पूर्व की दिशा में रणनीतिक रूख है।’’ उन्होंने कहा ये उन दो हाथों की तरह है, जो एक-दूसरे को थाम रहे हैं और यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी हमारी रक्षा तकनीक और व्यापार पहल है। यह भारत के साथ काम करने का और उनकी इच्छा के मुताबिक काम करने का एक प्रयास है। वे अपने रक्षा उद्योग की तकनीकी क्षमताएं और रक्षा क्षमताएं सुधारना चाहते हैं। लेकिन वे सिर्फ एक खरीददार नहीं बनना चाहते। वे सह-विकासकर्ता और सह-निर्माता बनना चाहते हैं। वे इस तरह का संबंध चाहते हैं।’’
कार्टर ने कहा, ‘‘हम उनके साथ इसी पर कम कर रहे हैं और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया पहल से काफी हद तक मेल खाता है। इसलिए जो सरकार रणनीतिक और आर्थिक रूप से करने की कोशिश कर रही है, हम उसके साथ काफी हद तक तालमेल में हैं और हम इसे उनके साथ रक्षा के संदर्भ में करना चाहते हैं।’’ कार्टर ने यात्रा का समय बताए बिना कहा कि जब मैं वहां जाउंगा तो हमारे पास वहां घोषणा करने के लिए बहुत सी चीजें होंगी। एक सवाल के जवाब में कार्टर ने कहा कि वह भारत-अमेरिका के संबंधों पर ‘बहुत समय’ गुजारते हैं। कार्टर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैंने भारत और अमेरिका के बारे में जो शब्द इस्तेमाल किया है, वह है भाग्य। इन दो महान देशों में बहुत कुछ एक सा है- दोनों में लोकतांत्रिक सरकार है, दोनों वयक्तिक स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसा ही काफी कुछ।’’ ‘‘भू-राजनैतिक और भू-रणनीतिक रूप से भी हमारे बहुत से साझे हित हैं। इनमें से एक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अच्छी स्थितियां बनाए रखना है।’’ कार्टर ने कहा, ‘‘कई अन्य लोगों की तरह, भारतीयों को भी खुद पर गर्व है। इसलिए वे चीजों को स्वतंत्र रूप से करना चाहते हैं। वे चीजों को अपने तरीके से करना चाहते हैं। वे ये चीजें सिर्फ हमारे साथ नहीं करना चाहते। और यह ठीक ही है। इसलिए हम किसी खास चीज की उम्मीद नहीं कर रहे।’’
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