Valentine Day- शोक दिवस या प्यार दिवस? जानकर हो जाएंगे हैरान

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निधि अविनाश । Feb 13 2020 2:35PM

संत वैलेंटाइन ने राजा के आदेश का विरोध किया और उनके खिलाफ जाकर सैनिकों और प्रजा को प्यार करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने सैनिकों की चोरी-चुपके शादी भी कराई।

नई दिल्ली। दुनिया के हर लव बर्ड्स को 12 महीनों में से एक महीना फरवरी का हमेशा इतंजार रहता है। यह वो महीना है जिसमें हर कोई अपने प्रेमी-प्रेमिका को प्यार का इजहार करने की सोचता है। फरवरी के शुरूआती दिनों में शुरू होने वाले यह 7 दिन बेहद ही खास मानें जाते है। सातों दिनों के अंतिम दिन वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को कपल, प्रेमी प्यार के त्योहार के रूप में मनाते है। वैलेंटाइन डे वाले दिन कपल अपने प्यार का इजहार कर अपनी दिल की बात चाहने वाले के सामने बयान करते है। अब प्यार की बात हो रही है तो संत कबीर के इस दोहे को भी याद कर लिया जाए जो कहता है "पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय"। इस दोहे का मतलब है कि पूजा-पाठ करने से और वेद-पुराण पढ़ने से कोई पंडित नहीं होता है, असली ज्ञानी वह होता है जो पूरे संसार से निसर्वाथ प्यार करता हो। वेलेंटाइन डे जरूरी नहीं कि सिर्फ कपल ही मनाते हो इस दिन को आप अपने माता-पिता, दोस्तों को साथ भी मना सकते है। अब सवाल है कि आखिर इस दिन को मनाते क्यों है? और इस दिन की शुरूआत कब और कैसे हुई थी? आइये जानते है कि कौन थे वैलेंटाइन?

क्यों मनाते हैं वैलेंटाइन डे?

माना जाता है कि 270 ईसवीं में रोमन साम्राज्य के दौरान क्लाउडियस गोथिकस द्वितीय नामक राजा राज्य करता था। यह वो राजा था जिसे प्यार और शादी जैसे शब्द से भी नफरत थी और वह इनके सख्त खिलाफ था। राजा के अनुसार प्यार और शादी करने वालें योद्धा ज्यादा देर तक युद्ध में टिक नहीं सकते हैं। प्यार में पड़ने वाले योद्धा अपना लक्ष्य भूल गलत राह में चले जाते है। राजा के अनुसार सैनिक बिना शादी के ज्यादा ताकतवर होते है और इसी को देखते हुए राजा ने बहुत ही क्रूर आदेश दिया। इस आदेश के मुताबिक कोई भी रोमन सैनिक न तो शादी कर पाएगा और न ही प्यार करेगा। उन्होनें रोमन सैनिकों के विवाह पर रोक लगा दी थी। 

संत वैलेंटाइन बना प्यार का मसीहा

जब राजा ने यह रोक लगाई तो इसका विरोध संत वैलेंटाइन ने किया। संत वैलेंटाइन ने राजा के आदेश का विरोध किया और उनके खिलाफ जाकर सैनिकों और प्रजा को प्यार करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने सैनिकों की चोरी-चुपके शादी भी कराई लेकिन यह बात जल्द ही राजा को पता चल गई जिसके बाद राजा ने संत वैलेंटाइन को राज दरबार पर बुलाया और संत को क्रिश्चियन धर्म छोड़कर रोमन धर्म अपनाने के लिए कहा। संत वैलेंटाइन यह नहीं चाहता था और उन्होंने इससे इनकार कर दिया और राजा को ही अपना धर्म बदलने की सलाह दे दी। यह सुनने के बाद राजा को बेहद गुस्सा आया और वैलेंटाइन को जान से मार डालने का आदेश दे दिया। 

14 फरवरी को हुई थी संत वैलेंटाइन की मौत

14 फरवरी, यह वो दिन है जिस दिन संत वैलेंटाइन को मारा गया था। ऐसा बताया जाता है कि जब संत वैलेंटाइन जेल में बंद थे तो उनकी देखभाल करने के लिए रोमन जेलर की बेटी जैकोबस अकसर उनसे मिलने आती थी और इसी बीच उन दोनों में प्यार हो गया। बता दें कि जेल में बंद अपने अंतिम दिन में संत वैलेंटाइन ने जेलर की बेटी को एक लेटर लिखा था। इस लेटर के अंत में संत ने From your valentine लिखा था।

किसने किया वैलेंटाइन डे घोषित 

एक खबर के मुताबिक सबसे पहले वैलेंटाइन डे साल 496 में मनाया गया था और इस प्यार वाले दिन को 5वी सदी के अंत में पोप गेलैसियस ने वैलेंटाइन डे का नाम दे दिया। तब से लेकर आज तक इस दिन को प्रेम दिवस के नाम से मनाया जाता है। बता दें कि संत वैलेंटाइन के बारे में सारी जानकारियां ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन नामक बुक्स में मिली हैं। 

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