G7 में आप जाने नहीं देंगे, इसलिए बनाया खुद का क्लब, भारत की विदेश नीति पर जिनेवा में जयशंकर के लिए जमकर बजी तालियां
जयशंकर ने कहा कि हमने ब्रिक्स का विस्तार किया है। पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स का विस्तार करने का निर्णय लिया गया था।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर देश के लोगों को गौरवान्वित करने का काम किया है। उन्होंने पश्चिमी देशों को एक ऐसा जवाब दिया है, जिसकी हर भारतीय आज तारीफ कर रहा है। एस जयशंकर ने स्विजरलैंड के जिनेवा में ग्लोबल सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी को संबोधित करते हुए एक बड़ा बयान दिया है। दरअसल, जब विदेश मंत्री से पूछा गया कि ब्रिक्स क्यों है और क्या इसका विस्तार होगा? इस सवाल पर एस जयशंकर ने तीखा जवाब देते हुए कहा कि एक क्लब था, जिसे जी 7 कहा जाता था। जी7 में आप लोग किसी और देश को प्रवेश करने से रोकते थे। इसलिए हमने अपना खुद का क्लब बनाया। इसके साथ ही एस जयशंकर ने कहा कि जी 20 के रहते अगर जी 7 का अस्तित्व रह सकता है तो कोई कारण नहीं है कि ब्रिक्स का अस्तित्व न हो।
इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: India-China के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है, Jaishankar और Doval के बयानों ने बड़े संकेत दिये हैं
इसके साथ ही एस जयशंकर ने कहा कि हमने ब्रिक्स का विस्तार किया है। पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स का विस्तार करने का निर्णय लिया गया था। दक्षिण अफ्रीका इसमें शामिल हो गया, और जनवरी 2024 में पांच नए देश - ईरान, सऊदी अरब, मिस्र, यूएई और इथियोपिया - इस समूह में शामिल हुए। जयशंकर ने दर्शकों की जोरदार तालियों के बीच कहा कि क्लब क्यों? क्योंकि एक और क्लब था! इसे जी7 कहा जाता था और आप किसी और को उस क्लब में नहीं जाने देंगे। इसलिए, हम जाकर अपना खुद का क्लब बनाते हैं।उन्होंने कहा कि मैं अब भी इस बात से हैरान हूं कि जब आप ब्रिक्स के बारे में बात करते हैं तो उत्तर कितना असुरक्षित हो जाता है।
इसे भी पढ़ें: जयशंकर ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख से मुलाकात की, वैश्विक स्वास्थ्य पहल में भारत की भूमिका पर चर्चा की
जयशंकर ने बताया कि ब्रिक्स की शुरुआत कैसे हुई और कैसे इसने समय के साथ अपना महत्व प्राप्त किया, क्योंकि अन्य लोगों ने भी इसमें महत्व देखा। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में एक बहुत ही दिलचस्प समूह है, क्योंकि, यदि आप इसे देखें, तो आमतौर पर, किसी भी क्लब या किसी भी समूह का या तो भौगोलिक निकटता या कुछ सामान्य ऐतिहासिक अनुभव होता है, या, आप जानते हैं, बहुत मजबूत आर्थिक संबंध होता है।
अन्य न्यूज़