विश्व बैंक ने जारी की महत्वाकांक्षी जलवायु कार्य योजना
वाशिंगटन। विश्व बैंक ने एक महत्वाकांक्षी जलवायु कार्य योजना शुरू की है, जो विकासशील देशों को 30 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा बढ़ाने में, 10 करोड़ लोगों के लिए पूर्व चेतावनी प्रणालियां लाने में और कम से कम 40 देशों के लिए जलवायु के लिहाज से बेहतर छोटी कृषि निवेश योजनाएं विकसित करने में मदद करेगी। जलवायु परिवर्तन कार्य योजना की जानकारी जारी करते हुए अधिकारियों ने कहा कि विश्व बैंक ने इस उद्देश्य को वर्ष 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना से दो सप्ताह पहले ही वैश्विक नेताओं ने न्यू यार्क में ऐतिहासिक पेरिस समझौते पर आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर किए हैं।
विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा, ‘‘पेरिस जलवायु समझौते के बाद, अब हमें भावी पीढ़ियों के लिए अपने गृह की सुरक्षा करने के लिए साहसिक कदम उठाने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की दिशा में बढ़ने, ज्यादा कार्बन युक्त ऊर्जा स्रोतों को कम करने, हरित परिवहन प्रणाली विकसित करने और बढ़ती शहरी जनसंख्या के लिए टिकाउ, रहने लायक शहर बनाने में देशों की तत्काल मदद करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।’’ इस असर को अधिकतम करने के लिए विश्व बैंक कार्य योजना के तहत देशों को राष्ट्रीय नीतियां बनाने में मदद करने और निजी क्षेत्र के निवेश का लाभ लेने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
विश्व बैंक समूह के एक सदस्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगम (आईएफसी) का उद्देश्य अपने जलवायु निवेश को मौजूदा 2.2 अरब डॉलर प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 3.5 अरब डॉलर प्रतिवर्ष करना है। इसके साथ ही वर्ष 2020 तक निजी क्षेत्र से एक साल में 13 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश का लाभ लेना भी इस उद्देश्य का हिस्सा है। अपनी ओर से वित्तपोषण के अलावा, विश्व बैंक का इरादा व्यवसायिक वित्त पोषण के तहत अगले पांच साल तक स्वच्छ ऊर्जा में 25 अरब डॉलर जुटाना है।
एक बयान में कहा गया कि बैंक समूह जलवायु के अुनकूल विकल्प चुनने वाले सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के निर्णयकर्ताओं के लिए लाभों का सृजन करने के लिए विभिन्न देशों को कार्बन प्रदूषण पर मूल्य लगा देने में मदद करना जारी रखेगा। जलवायु परिवर्तन मामले में बैंक के वरिष्ठ निदेशक जॉन रूमी ने एक कांफ्रेंस कॉल के दौरान कहा कि इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य बैंक के साथ काम करने वाले देशों द्वारा पेरिस में जताई गई महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताओं को हकीकत में बदलने में उनकी मदद करना है। उन्होंने कहा, ‘‘इस योजना का उद्देश्य जीवाश्म ईंधनों में किए जाने वाले निवेश को हरित ऊर्जा में निवेश की ओर ले जाना है। इसके साथ ही इसका उद्देश्य हरित परिवहन और जलवायु के लिहाज से उचित कृषि जैसे अहम क्षेत्रों में नए संसाधनों को लगाना है।’’ इस योजना के तहत विश्व बैंक आपदा की स्थिति में पूर्व-चेतावनी प्रणाली तक सार्वभौमिक पहुंच को विस्तार देने पर काम करेगा। इसके तहत वर्ष 2020 तक 15 विकासशील देशों के 10 करोड़ लोगों तक इस प्रणाली को पहुंचाए जाने का लक्ष्य है।
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