ट्रंप विरोध लहर पर सवार ज़ोहन ममदानी, न्यूयॉर्क बनेगा उम्मीद की नई किरण

Zohrahn Mamdani
प्रतिरूप फोटो
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Ankit Jaiswal । Nov 5 2025 10:54PM

ज़ोहन ममदानी की न्यूयॉर्क में ऐतिहासिक जीत एक पुरानी व्यवस्था के खिलाफ विचारों की जीत है, जिसने डोनाल्ड ट्रंप के प्रभाव को चुनौती देते हुए शहर में एक नई उम्मीद जगाई है। यह जीत अमेरिकी राजनीति में प्रगतिशील झुकाव को दर्शाती है और आने वाले समय में देश की दिशा के लिए महत्वपूर्ण संकेत देती है, खासकर भ्रष्ट व्यापारियों पर लगाम कसने के ममदानी के संकल्प के साथ।

न्यूयॉर्क सिटी में हुए मेयर चुनाव में ज़ोहन ममदानी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है और इस जीत ने अमेरिकी राजनीति में नई हलचल मचा दी है। चुनाव नतीजे सामने आने के बाद ममदानी ने अपने जोशीले भाषण में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सीधे तौर पर ललकारा। उन्होंने ट्रंप को संदेश देते हुए कहा कि “डोनाल्ड ट्रंप, चूंकि मैं जानता हूं कि आप देख रहे हैं, तो मैं आपसे सिर्फ इतना कहूंगा "आवाज़ और तेज़ कर लो।”

उगांडा में जन्में और सात साल की उम्र में न्यूयॉर्क आए ममदानी ने खुद को ट्रंप का "सबसे बड़ा डर" बताते हुए कहा कि जिस शहर ने ट्रंप को ऊंचाई दी, वही शहर आज उन्हें चुनौती भी दे रहा है। ममदानी ने कहा कि “इस राजनीतिक अंधकार में, न्यूयॉर्क उम्मीद की किरण बनेगा।” मौजूद जानकारी के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने ममदानी की जीत के बाद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर रहस्यमयी अंदाज़ में लिखा—“एंड शो इट बिगिन”

बता दें कि ज़ोहन ममदानी न्यूयॉर्क सिटी के पहले मुस्लिम और भारतीय मूल के मेयर बने हैं। यह जीत खास इसलिए भी है क्योंकि 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में न्यूयॉर्क सिटी में रिपब्लिकन झुकाव देखने को मिला था, जो कि अब ममदानी की भारी जीत से उलटता नज़र आ रहा है। ममदानी, जिनके पिता भारतीय मूल के और मां मशहूर फिल्ममेकर मीरा नायर हैं, ने इस मौके पर ट्रंप की उस धमकी का जवाब भी दिया जिसमें ट्रंप ने कहा था कि अगर “कम्युनिस्ट” ममदानी जीते तो वे शहर की फंडिंग रोक देंगे।

गौरतलब है कि इस चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने एंड्रयू क्यूमो को समर्थन दे डाला था, जबकि क्यूमो खुद पहले उनके राजनीतिक विरोधी रह चुके हैं। लेकिन ममदानी ने अपनी जीत के बाद स्पष्ट किया कि यह चुनाव सिर्फ एक व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि एक पुरानी व्यवस्था के खिलाफ था।

अपनी पहचान को लेकर ममदानी ने साफ कहा कि “मैं युवा हूं, मैं मुस्लिम हूं, मैं एक डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट हूं और मैं इसके लिए माफी नहीं मांगूंगा।” उन्होंने इस जीत को विचारों की जीत करार देते हुए नेहरू के प्रसिद्ध शब्दों को उद्धृत किया “इतिहास में ऐसे ही पल आते हैं जब हम पुराने से नए की ओर कदम बढ़ाते हैं।”

मौजूद जानकारी के अनुसार, ममदानी ने अपने भाषण में न्यूयॉर्क के लोगों से वादे भी किए जिनमें यूनिवर्सल चाइल्ड केयर, मुफ्त व तेज़ बस सेवा और किराए में बढ़ोतरी रोकना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि “न्यूयॉर्क के मेहनतकश लोगों को हमेशा बताया गया कि सत्ता सिर्फ अमीर और प्रभावशाली लोगों के हाथ में ही रहेगी। लेकिन आज आपने साबित कर दिया कि बदलाव आपके हाथ में है।”

डोनाल्ड ट्रंप को घेरते हुए ममदानी ने यह भी कहा कि “हम भ्रष्ट व्यापारियों पर लगाम लगाएंगे, क्योंकि ट्रंप जैसे लोग अपने किरायेदारों का फायदा उठाने के आदी हो चुके हैं। हम उन बड़े धनकुबेरों पर भी कार्रवाई करेंगे जो टैक्स छूट का गलत फायदा उठाते हैं।”

मौजूद जानकारी के अनुसार, ममदानी की यह जीत उस शख्स की कहानी है, जिसने बिना किसी बड़े समर्थन, पहचान या पैसों के राजनीतिक शुरुआत की और आज शहर में बदलाव की नई उम्मीद बन गए हैं। अब पूरा देश देख रहा है कि यह नई पारी आगे किस दिशा में बढ़ती है और न्यूयॉर्क सिटी के लिए इसका क्या अर्थ होता है।

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