गरुड़ पुराण की वो पांच बातें, जो आपका जीवन बदल देंगी!

Garuda Purana

यूं भी गरुड़ पुराण में वर्णित यह तथ्य साइंटिफिक पैरामीटर पर बिल्कुल फिट बैठता है, जब आप साफ स्वच्छ नहीं रहेंगे तो आपसे लोग कतराएंगे और जब लोग कतराएंगे तो आप अकेले तो सफल नहीं होंगे, क्योंकि लोगों के बीच रहने से, सीखने से, व्यापार करने से ही कोई सफलता को प्राप्त होता है।

मनुष्य जितना ज्ञान प्राप्त कर सकता है, उसे अवश्य करना चाहिए।

ज्ञान के प्रमुख स्रोत के रूप में हमारे धर्म शास्त्र और पुराण पहले से लिखित हैं। ध्यान दीजिए, पुराणों की मान्यता सनातन धर्म में बेहद महत्वपूर्ण है, और ऐसा माना जाता है कि जिन्होंने वेद पुराण पढ़ लिए हैं, वह न केवल अपना जीवन सफल करता है, बल्कि दूसरे का जीवन सफल करने की योग्यता भी उसके भीतर आ जाती है।

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ऐसी स्थिति में गरुड़ पुराण की इस लेख में हम बात करेंगे, और संक्षेप में आपको बताएंगे कि मनुष्य जीवन में गरुड़ पुराण में कही गई वह कौन सी पांच महत्व की बातें हैं, जिसे प्रत्येक व्यक्ति को जाना चाहिए।

यूं तो यह सारी बातें गूढ़ हैं, किंतु साधारण भाषा में कोई भी मनुष्य से इसे समझ कर अपने जीवन में उतार सकता है, और अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयत्न कर सकता है।

सबसे पहली बात मनुष्य की स्वच्छता को लेकर है। प्रत्येक दिन साफ वस्त्र पहने से लेकर अपने शरीर की स्वच्छता का गरुड़ पुराण में विशिष्ट ढंग से वर्णन किया गया है। इसका महत्व सीधे धन से बतलाया गया है, अगर आप चाहते हैं कि माता लक्ष्मी आप प्रसन्न रहें, तो आप को पूर्ण रूप से स्वच्छ रहने का प्रयत्न करना चाहिए, अन्यथा दरिद्रता से आपको कोई बचा नहीं सकता। 

यूं भी गरुड़ पुराण में वर्णित यह तथ्य साइंटिफिक पैरामीटर पर बिल्कुल फिट बैठता है, जब आप साफ स्वच्छ नहीं रहेंगे तो आपसे लोग कतराएंगे और जब लोग कतराएंगे तो आप अकेले तो सफल नहीं होंगे, क्योंकि लोगों के बीच रहने से, सीखने से, व्यापार करने से ही कोई सफलता को प्राप्त होता है।

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दूसरी बात जो गरुड़ पुराण में कही हुई है, वह कहा गया है कि जो व्यक्ति आपसे द्वेष रखें, और आप को नुकसान पहुंचाना चाहें, उनसे हमेशा सतर्क रहें, किंतु सतर्क रहने का यह अभिप्राय कतई नहीं है, कि आप अपना संयम खो दें। 

बल्कि सतर्कता और संयम के मेल से ही आप खुद को नुकसान पहुंचाने से बचा सकते हैं। ऐसे लोग केवल शत्रु ही नहीं होते हैं, बल्कि मित्र और संबंधियों के बीच में भी आपके इर्द-गिर्द मिल जाएंगे। ऐसी अवस्था में आपको बेहद सजग रहने की जरूरत है।

तीसरी बात जो गरुण पुराण में वर्णित है, वह यह है कि इस दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं है, बल्कि इसके लिए निरंतर अभ्यास किया जाना चाहिए। मतलब आपके दिमाग में अगर किसी भी चीज की ओर देखकर नकारात्मकता आती है, या आप यह सोचते हैं कि यह कार्य आप से नहीं होगा, तो अब पूरी तरह से गलत सोचते हैं। 

आपको वह तमाम कार्य करने का अभ्यास शुरू कर देना चाहिए, और एक दिन आप देखेंगे कि गरुड़ पुराण का यह मंत्र आपके जीवन को सफल बना देगा।

गरुड़ पुराण में वर्णित चौथी तथ्य की बात करें तो यह भोजन से संबंधित है। भोजन आपको हर वक्त सुपाच्य और संतुलित मात्रा में करना चाहिए। भोजन के बिना कोई भी मनुष्य चल नहीं सकता, किंतु इसका मतलब यह नहीं है कि आप भोजन को ठूंस लें, या कुछ भी खा लें। 

भोजन हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। किंतु भोजन ही समस्त बीमारियों का जड़ है, इसीलिए संयमित ढंग से सुपाच्य भोजन करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और यही गरुड़ पुराण में वर्णित मंत्र है।

गरुण पुराण में वर्णित पांचवी बात धर्म के संबंध में है। धर्म का मतलब है जीवन को चलाने के नियम। बगैर नियम के इस संसार में कुछ भी संभव नहीं है, तो आप मान सकते हैं कि नियमों का सम्मान करने से मनुष्य सफलता को प्राप्त होता है।

अगर आप नियम का सम्मान नहीं करेंगे, इसका मतलब है कि आप धर्म का सम्मान नहीं करेंगे। धर्म, धार्मिक स्थलों, धार्मिक व्यक्ति का अपमान करने का परिणाम आपके जीवन की असफलता के रूप में सामने आएगा।

अब ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि यह 5 सूत्र अगर अपने जीवन में उतारते हैं, तो कोई ऐसा कारण नहीं है, कि आप अपने जीवन को सफल ना बना लें। यूं ही यह पांचों नियम जो गरुण पुराण में वर्णित हैं, पूरी तरह से वैज्ञानिक हैं, और इसीलिए इन्हें अपनाने में हमें रत्ती भर भी संकोच नहीं करना चाहिए।

- विंध्यवासिनी सिंह

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