हाथ की रेखाओं से जानिए अपने शादीशुदा जीवन का हाल, इस रेखा के होने से बनते हैं तलाक के योग

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हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली में विवाह रेखा को देख कर यह पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति की शादी कब और कहाँ होगी।विवाह रेखा हाथ में बुद्ध पवर्त के पास, कनिष्ठा यानि सबसे छोटी ऊंगली के निचले हिस्से में आड़ी रेखा होती है। बाकी छोटी-छोटी एवं अस्‍पष्‍ट रेखाएं संबंधों के बिछड़ने या टूटने का संकेत देती हैं।

हस्तरेखाज्योतिष के अनुसार हमारी हथेली पर बनी रेखाएँ हमारे भाग्य और भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में बताती हैं। हमारी हथेली में भाग्‍य रेखा, हृदय रेखा, जीवन रेखा और विवाह रेखा जैसी कई प्रकार की रेखाएं होती हैं। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली में विवाह रेखा को देख कर यह पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति की शादी कब और कहाँ होगी। विवाह रेखा हाथ में बुद्ध पवर्त के पास, कनिष्ठा यानि सबसे छोटी ऊंगली के निचले हिस्से में आड़ी रेखा होती है। बाकी छोटी-छोटी एवं अस्‍पष्‍ट रेखाएं संबंधों के बिछड़ने या टूटने का संकेत देती हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप हाथ में विवाह रेखा को देखकर कैसे जान सकते हैं कि आपकी शादी कब और कहाँ होगी - 

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अगर हाथ में दो विवाह रेखाएं हैं जिनमें से एक स्पष्ट और गहरी है, जबकि दूसरी महीन हो लेकिन बुध पर्वत तक विकसित हो। तो ऐसी रेखा जीवन में दो शादियों का संकेत देती है।

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, अगर हाथ में एक से अधिक विवाह रेखाएं हो तो ये तलाक और विवाहोत्तर संबंधों की ओर इशारा करती हैं।

अगर विवाह रेखा ऊपर की ओर आती हुई हृदय रेखा से मिले या विवाह रेखा पर तिल हो या क्रॉस का निशान हो तो शादी बहुत देर और अनेक कठिनाइयां से होती है। 

यदि विवाह रेखा, स्वास्थ्य रेखा से स्पर्श करती हो तो जातक का विवाह नहीं होता है। अगर विवाह रेखा पर एक से अधिक द्वीप हों या काला तिल हो तो यह जीवन भर अविवाहित होने का संकेत देती है।  

हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार, अगर हाथ में विवाह रेखा हृदय रेखा के पास हो तो ऐसे में जातक की शादी 25 वर्ष की उम्र तक हो जाती है। विवाह रेखा, कनिष्ठ रेखा के जितनी पास होगी, शादी में उतनी ही देरी होगी। 

हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार, यदि विवाह रेखा मणिबंध रेखा के मध्य में हो तो जातक का विवाह उत्तर दिशा में होता है।

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यदि विवाह रेखा किसी ऊँगली के जड़ तक हो तो जातक का विवाह दक्षिण दिशा में होता है।

यदि विवाह रेखा हाथ के मध्य में हो तो जातक का विवाह पूर्व दिशा में होता है। 

हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार, यदि विवाह रेखा अंगूठे के मूल में हो तो जातक का विवाह पश्चिम दिशा में होता है।

- प्रिया मिश्रा

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