फाल्गुन माह में लड्डू गोपाल का इस विधि से करें अभिषेक, चमक उठेगी किस्मत

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फाल्गुन माह की शुरुआत होने ही वाली है, इस महीने को हर्ष और उल्लास का महीना भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में हर माह का विशेष महत्व है, लेकिन फाल्गुन माह भगवान कृष्ण का अधिक प्रिय है। इस माह में महाशिवरात्रि और होली का त्योहार आते हैं। वहीं इस माह में लड्डू गोपाल का अभिषेक करने का विशेष महत्व है।

फाल्गुन माह हिंदू पंचाग का अंतिम महीना है, इस महीना को आनंद और उल्लास की महीना भी कहा जाता है। फाल्गुन माह में गर्मी की शुरुआत धीरे-धीरे होने लगती है वहीं सर्दी खत्म होने लगती है। वैसे तो हिंदू धर्म में हर माह का विशेष महत्व होता है लेकिन फाल्गुन माह भगवान कृष्ण को समर्पित महीना है। इस माह में महाशिवरात्रि का पर्व आता है इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था और फाल्गुन माह में रंगों त्योहार होली भी आती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति इस माह में लड्डू गोपाल का अभिषेक करता है उस इंसान की सारी समास्याएं दूर हो जाती है। अगर आप भी फाल्गुन माह लड्डू लड्डू गोपाल का अभिषेक करने की सोच रहे तो यह लेख आपके लिए है।

इस विधि से करें लड्डू गोपाल का अभिषेक 

- सबसे पहले आप ब्रह् मुहूर्त में उठें और नहा लें, इसके बाद श्रीकृष्ण का ध्यान करें।

- इसके बाद आप गंगाजल से 3 बार आचमन करें, इस बात का ध्यान रखें कि अचमान करने से पहले हाथों को जरुर साफ कर लें।

- लड्डू गोपाल को शुद्ध जल से स्नान कराएं। जल में तुलसी मिलाकर ही स्नान कराएं, यह करना शुभ होता है।

- इसके अलावा लड्डू गोपाल को केसर मिश्रित दूध से स्नान कराएं। आप केसर के उपाय की जगह दूध में हल्दी मिलाकर अभिषेक करें।

- लड्डू गोपाल के पूरे शरीर में चंदन का लेप जरुर लगाएं इसके बाद उन्हें तिल मिश्रित पानी से साफ करें। बता दें कि, श्रीकृष्ण को तिल बहुत पसंद है और तिल के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।

- शहद में फूल डालकर लड्डू गोपाल को इस मिश्रण से उनके हाथों में छिड़काव इत्र की तरह लगाएं।

-इसके बाद आप लड्डू गोपाल पर घी लगाएं और फिर उन पर जल अर्पित करने के बाद उन्हें साफ कपड़े से पोछे और वस्त्र पहनाएं।

- लड्डू गोपाल को श्रृंगार करें और इत्र लगाएं।

- लड्डू गोपाल को गुलाल लगाएं।

- सबसे आखिरी में उनकी आरती और कीर्तन करें।

अभिषेक करते समय इन मंत्रो का उच्चारण करें

आचमन करते समय- अर्घा में जल और गंध मिलाकर बोलें- सर्वतीर्थसमायुक्तं सुगन्धं निर्मलं जलम्। आचम्यतां मया दत्तं गृहत्वा परमेश्वर।। 

स्नान करते समय मंत्र

स्नान करने के दौरान मंत्र का उच्चारण करें। गंगा, सरस्वती, रेवा, पयोष्णी, नर्मदाजलैः। स्नापितोअसि मया देव तथा शांति कुरुष्व मे।।

पंचामृत स्नान करते समय मंत्र

पंचामृतं मयाआनीतं पयोदधि घृतं मधु। शर्करा च समायुक्तं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्।।

चंदन लगाते समय मंत्र का उच्चारण

श्रीखंड चंदनं दिव्यं गन्धाढ्यं सुमनोहरम्। विलेपनं सुरश्रेष्ठ चंदनं प्रतिगृह्यताम्।। भगवान श्रीकृष्ण को चंदन लगाएं।

फूल अर्पित करते समय मंत्र

माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो। मयाआहृतानि पुष्पाणि पूजार्थं प्रतिगृह्यताम्।।

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