मोदी ने लंदन में लिंगायतों को किया खुश, बसवेश्वर की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाए

"Ideals Of Basaveshwara Motivate People Across The World": PM Modi
[email protected] । Apr 18 2018 9:31PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेम्स नदी के तट पर स्थित अल्बर्ट एमबैंकमेंट गार्डन्स में 12वीं सदी के लिंगायत दार्शनिक एवं समाज सुधारक बसवेश्वर की आवक्ष प्रतिमा पर आज पुष्प अर्पित किए।

लंदन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेम्स नदी के तट पर स्थित अल्बर्ट एमबैंकमेंट गार्डन्स में 12वीं सदी के लिंगायत दार्शनिक एवं समाज सुधारक बसवेश्वर की आवक्ष प्रतिमा पर आज पुष्प अर्पित किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बसवेश्वर के आदर्श दुनियाभर के लोगों को प्रेरित करते हैं। ट्विटर पर कार्यक्रम की तस्वीरें साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा, ''यूके के दौरे में भगवान बसवेश्वर को श्रद्धांजलि अर्पित करना सम्मान की बात है। भगवान बसवेश्वर के आदर्श दुनियाभर के लोगों को प्रेरित करते हैं।’’ 

कार्यक्रम का आयोजन द बसवेश्वर फाउंडेशन ने किया था। यह ब्रिटेन का गैर सरकारी संगठन है, उसी ने बसवेश्वर की प्रतिमा की स्थापना की थी। अल्बर्ट एमबैंकमेंट में लगाई गई बसवेश्वर की प्रतिमा ब्रिटेन की ऐसी पहली प्रतिमा है जिसका भारतीय प्रधानमंत्री ने अनावरण किया था। यह ऐसी भी पहली प्रतिमा है जिसे ब्रिटेन के मंत्रिमंडल ने संसद परिसर में स्थापित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय दार्शनिक और समाज सुधारक बसवेश्वर द्वारा लोकतांत्रिक विचारों, सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए उनकी प्रतिमा स्थापित की गई थी।

बसवेश्वर (1134-1168) भारतीय दार्शनिक, समाज सुधारक और राजनेता थे जिन्होंने जाति विहीन समाज बनाने का प्रयास किया और जाति तथा धार्मिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी। भारत बसवेश्वर को लोकतंत्र के अगुआओं में से एक मानता है। भारतीय संसद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान उनकी प्रतिमा लगाई गई थी। बसवेश्वर और भारतीय समाज में उनके योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए भारत ने सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया था।

गौरतलब है कि कर्नाटक के मंत्रिमडल ने केंद्र को सिफारिश भेज लिंगायत और वीरशैव लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने का अनुरोध किया था। इस कार्यक्रम को उसी की रोशनी में देखा जा रहा है। कर्नाटक में अगले महीने होने वाले चुनाव में लिंगायत और वीरशैव समुदाय का मतदाताओं के रूप में खासा महत्व है क्योंकि यहां की कुल आबादी में उनकी संख्या 17 फीसदी है। इन समुदायों को भाजपा का परंपरागत मतदाता माना जाता है। मोदी कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्मेंट बैठक में शामिल होने के लिए यहां के चार दिवसीय दौरे पर हैं।

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