फील गुड फैक्टर (व्यंग्य)

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दीपक गिरकर । Aug 6 2018 2:05PM

आज सुबह दैनिक समाचार पढ़ते हुए हमारी धर्मपत्नी अचानक से बरस पड़ी ''और कितना गिरेगा? लगातार गिरता ही जा रहा है'', हमने कहा, ''तुम किस की बात कर रही हो? कौन लगातार गिरता जा रहा है?

आज सुबह दैनिक समाचार पढ़ते हुए हमारी धर्मपत्नी अचानक से बरस पड़ी 'और कितना गिरेगा? लगातार गिरता ही जा रहा है', हमने कहा, 'तुम किस की बात कर रही हो? कौन लगातार गिरता जा रहा है? पहेलियां मत बुझाओ, साफ-साफ कहो, धर्मपत्नी ने कहा, 'मैं भारतीय मुद्रा अर्थात रूपये की बात कर रही हूँ।' मुझे पत्नी की बात सुनकर आश्चर्य हुआ क्योंकि वह तो हमेशा दैनिक समाचार पत्र में फिल्म व दूरदर्शन से संबंधित खबरें ही पढ़ा करती है। पत्नी ने मेरा सामान्य ज्ञान बढ़ाया और बोली 'आपको मालूम है कि जब रूपया गिरता है तो पेट्रोल व डीजल के भाव बढ़ जाते हैं जिससे महंगाई बढ़ जाती है'।

अब हमें विश्वास हो गया था कि किटी पार्टी में चाय नाश्ते के साथ सिर्फ़ निंदा रस का आनंद नहीं लिया जाता है बल्कि देश-विदेश में क्या चल रहा है इस पर भी चर्चा होती है। हमने अपनी पत्नी से कहा, 'यह तो प्रकृति का नियम है जो ऊपर उठता है वह नीचे ही आता है। गुरूत्वाकर्षण के नियम के अनुसार यदि कोई वस्तु हाथों से छूट जाती है तो वह नीचे ही गिरेगी। अर्थशास्त्र के अनुसार रूपया स्वयं उछलता है। व्यक्ति स्वयं नहीं उछलता है। व्यक्ति की जेब में जो रुपया होता है वही उछलता है। जब रूपया उछलेगा तो गिरेगा ही। गिरकर उठने वाले को ही बाजीगर कहते हैं। रूपया ही तो असली बाजीगर है।

रूपये की मजबूती के लिए और उसे गिरने से बचाने के लिए हम और आप तो सिर्फ़ दुआ ही कर सकते हैं। रूपये को और नीचे गिरने से ठहराने के लिए एक ठीहा चाहिए। इस ठीहे को बनाने के लिए और इसकी मजबूती के लिए सरकार समय-समय पर आवश्यक कदम उठाती है। देश के बड़े-बड़े अर्थशास्त्री सरकार को आवश्यक कदम उठाने के लिए सहयोग करते हैं। ये अर्थशास्त्र के प्रखंड ज्ञानी हर साल सरकार और देश की जनता को `फील गुड फैक्टर` का अहसास करवाते हैं। प्रत्येक वर्ष ये अर्थशास्त्र के पंडित एक ही वक्तव्य देते हैं- 'मानसून की भविष्यवाणी के अनुसार इस बार अच्छी बारिश होगी जिससे खरीफ की फसल तो अच्छी होगी और अच्छी बारिश से ज़मीन में जो नमी बनी रहेगी उससे रबी की फसल भी अच्छी हो जाएगी। इससे फेस्टीव सीजन में व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी जिससे जीडीपी की ग्रोथ सुधर जाएगी, देश में खुशहाली आ जाएगी और गिरते हुए रूपये में मजबूती आ जाएगी।'

सावन के इस महीने में पास के मंदिर में अच्छी बारिश के लिए सुंदरकांड का पाठ चल रहा है। धर्मपत्नी ने घर के बाहर के बरामदे में से आकाश की ओर देख कर कहा, 'देखो आसमान पूरी तरह से साफ है और सूर्यदेव अपनी प्रचंड शक्ति का अहसास करवा रहे हैं। मैं तो आज घर की सारी बेडशीट्स और पर्दे धोने के लिए निकाल लेती हूँ।' मुझे लगा उसे भी 'फील गुड फैक्टर' का अहसास हो गया है।

-दीपक गिरकर

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