नववर्ष (कविता)

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कवयित्री डॉ. नीलम महेंद्र की नववर्ष पर एक सुंदर कविता लिखी है। उन्होंने बताया कि नववर्ष आपके जीवन में क्या-क्या नयी सौगात लेकर आएगा।

कवयित्री डॉ. नीलम महेंद्र की नववर्ष पर एक सुंदर कविता लिखी है। उन्होंने बताया कि नववर्ष आपके जीवन में क्या-क्या नयी सौगात लेकर आएगा।

बेशक आज हमारा कैलेंडर बदल गया 

लेकिन ऋतु नहीं बदली,

न मौसम बदला,

ना ही पृथ्वी का चक्र बदला,

ना पेड़ों ने पत्ते बदले,

ना शाखों ने नए फूल ओढ़े,

ना हवाओं का रुख़ बदला,

ना ही प्रकृति ने खुद को बदला,

फिर हम क्यों खुद को बदलते जा रहे हैं?

जो कहती है धरा, नहीं सुन पा रहे हैं?

या फिर सुनना ही नहीं चाह रहे हैं ?

तो सुनो प्रकृति यह कह रही है

जब पृथ्वी अपना वर्ष पूर्ण करेगी

प्रकृति इठला इठला के कहेगी

धरती नई पत्तियों और फूलों की चुनर ओढ़ेगी

चिड़ियाँ चेहचहाँएंगीं पक्षी गुनगुनाएंगे

सभी जीव नए उत्साह में झूमेंगे

जब पेड़ों में नई कोंपलों को देखकर,

सृष्टि में एक नई ऊर्जा का संचार होगा,

तब समझ जाना कि नव वर्ष है आया

और प्रकृति को शीष नावांनां

क्योंकि तब नई फसल कटेगी

जब बैसाखी और नवरात्र मनेगी

तभी नव वर्ष की सौगात मिलेगी

-डॉ. नीलम महेंद्र

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