शहीदों को नमन (कविता)

Naman to the martyrs (poem)
प्राची थापन । Mar 23 2018 5:55PM

कवियत्री प्राची थापन ने आजादी के शहीदों को नमन करते हुए अपनी कविता (शहीदों को नमन) में अपने मन को उद्गार किये हैं।

कवियत्री प्राची थापन ने आजादी के शहीदों को नमन करते हुए अपनी कविता (शहीदों को नमन) में अपने मन को उद्गार किये हैं।

वीर जवानों की शहादत पर गूंज रहा था, सारा देश,

वही भगत सिंह थे, वही राजगुरु और वही थे सुखदेव,

भारत माता की आजादी की खातिर, धरे थे न जाने उन्होंने कितने ही भेष

लहूलुहान हुई जा रही थी भूमि अपनी और बादलों में छाई हुई थी लालिमा,

आजादी-आजादी के स्वरों से गूंज रहा था सारा जहाँ,

इन वीर शहीदों की कुर्बानी से आँखे सबकी भर आई थी,

जब देश के खातिर उन्होंने अपनी कीमती जान गंवाई थी,

वो कल भी थे वो आज भी है अस्तित्व उनका अमर रहेगा  

कुर्बानियां कल भी होती थीं और ये सिलसिला यूँ ही जारी रहेगा 

नमन है उनकी शहादत को, सर झुके हैं देख उनका ज़ज्बा,

वीर जवानों की शहादत पर आज भी है, मेरा देश कुरबां।।

-प्राची थापन

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