अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो (कविता)

poem on womens day
प्राची थापन । Mar 8 2018 4:30PM

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लेखिका प्राची थापन की कामना है कि अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो!

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लेखिका प्राची थापन की कामना है कि अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो!

जब नारी में है शक्ति सारी 

फिर काहे हो नारी बेचारी

 

अब नारी नहीं है अबला, 

 

करती रही है सबका भला 

 

बेटे के लिए माँ बन कर 

 

पति के लिए पत्नी बनकर 

 

हर रिश्ते को क्या खूब जिया है,

 

अपना हर लम्हा बस हमे ही दिया है,

 

आँचल में ममता लिए 

 

नैनो से आंसू पिए 

 

जिसने बस त्याग ही त्याग  किये 

 

जो हमेशा दूसरों के लिए ही जिए

 

उसे क्यों धिक्कार दो 

 

जीने का भी अधिकार दो

 

गर्व हो उसको अपने नारी होने का 

 

विश्वास हो उसको अपनी प्रतिभा का 

 

अब न रोने दो ना गिड़गिड़ाने दो 

 

इस बात का यकीन हो जाने दो 

 

श्राप नहीं है बेटी होना 

 

इस बात को अपनाने दो 

 

कह लेने दो अपने मन की 

 

कर लेने दो अपने दिल की 

 

अब इस बात का विश्वास तो हो जाने दीजो

 

की वो खुद कहे की...

 

अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो।।

- प्राची थापन

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