अमेरिका ने किया किनारा, कारगिल के गुप्त मददगार के लिए भारत बना बड़ा सहारा, हरमेस ड्रोन के साथ होगी बमों की सप्लाई
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अमेरिका ने इजरायल के कुछ हथियारों की शिपमेंट रोक दी है। संकट की घड़ी में फंसे इजरायल की मदद के लिए दोस्त भारत आगे आया है।
इजरायल ने अमेरिकी बमों से गाजा में बेगुनाह लोगों की जान ली है। अगर वो राफा में वो हमले से पीछे नहीं हटा तो हम हथियारों की सप्लाई बंद कर देंगे। 8 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये चेतावनी इजरालय को लेकर दी गई। फिर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय से खबर आई कि अमेरिका ने इजरायल को देने वाले बमों की एक शिपमेंट रोक दी है। इस फैसले को अप्रत्याशित कहा गया। इजरायल हमास जंग के बीच अमेरिका ने पहली बार इतना सख्त कदम उठाया। लेकिन 6 मई की रात जब इजारयल ने राफा ऑपरेशन शुरू कर दिया तो अमेरिका के पास कोई चारा नहीं बचा। अमेरिका ने इजरायल के कुछ हथियारों की शिपमेंट रोक दी है। संकट की घड़ी में फंसे इजरायल की मदद के लिए दोस्त भारत आगे आया है। भारतीय कंपनी अडानी डिफेंस के किलर ड्रोन की सप्लाई करने के बाद भारत की सरकारी रक्षा कंपनी म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड ने इजरायल को विस्फोटक की सप्लाई की है। जब जब हमारे देश पर संकट आया भारत ने इजरायल की मदद की है। हर युद्ध के मौके पर इजरायल ने भारत संग दोस्ती निभाई। ऐसे वक्त में मदद की जब बाकी दुनिया के देशों से उसे बहुत मदद नहीं मिल रही थी। इजरायल ने आगे बढ़ते हुए भारत की मदद का हाथ बढ़ाया।
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कैसे बढ़ी दोनों देशों के बीच तल्खी
पिछले कुछ महीनों में बाइडेन और नेतन्याहू के बीच तल्खियां बढ़ी हैं। अक्टूबर 2023 से पहले तक दोनों एक दूसरे से मिलने से भी डरते थे। हालांकि जंग शुरू होने के बाद बाइडेन इजरायल पहुंचे और वहां उन्हें अटूट सपोर्ट का वादा किया। लेकिन ये याद दिलाना नहीं भूले की इजरायल को कोई गलती नहीं करनी चाहिए। जैसे जैसे जंग आगे बढ़ी इजरायल की कार्रवाई सवालों के घेरे में आई है। मानवाधिकार के मामले बढ़े हैं। एक बार तो पश्चिमी देशों के छह नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसमें एक अमेरिकी भी था। जिसके बाद इजरायल को माफी मांगनी पड़ी थी। अप्रैल में बाइडेन ने एक फोन कॉल के दौरान नेतन्याहू को सीधी चेतावनी दी थी। कहा था कि अगर इजरायल ने संयम नहीं बरता तो हमें मदद भेजने पर विचार करना होगा। इसके बावजूद इजरायल ने अमेरिका की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया।
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अडानी डिफेंस ने इजरायल को दिया था हरमेस ड्रोन
पिछले पांच वर्षों से अडानी समूह भारत में अपने कारोबार का विस्तार कर रहा है। इसमें इजरायली हथियार कंपनियों और इजरायली रक्षा बलों के लिए ड्रोन और अन्य हथियारों का निर्माण शामिल है। 2018 में अडानी एंटरप्राइजेज (अडानी समूह का प्राथमिक कोयला-खनन व्यवसाय) और एल्बिट सिस्टम्स (इज़राइल का सबसे बड़ा हथियार निर्माता) ने एक संयुक्त उद्यम, अडानी एल्बिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड लॉन्च किया। इसका पहला ऑर्डर इज़राइल रक्षा बलों के लिए हर्मीस 900 यूएवी बनाना था। एल्बिट इज़राइल रक्षा बलों द्वारा उपयोग किए जाने वाले 85% ड्रोन बनाती है। हर्मीस 900 इजरायल की कंपनी एलबिट सिस्टम के साथ मिलकर बनाया गया है। अडानी-एलबिट इज़राइल के बाहर हैदराबाद भारत में एकमात्र हर्मीस 900 उत्पादन सुविधा संचालित करती है।
भारत और इजरायल की दोस्ती
1999 में कारगिल की लड़ाई के दौरान भारत और इजरायल के बीच सैन्य सहयोग एक नए स्तर पर पहुंच गया। इजरायल ने भारत को खुफिया जानकारी के साथ मोर्टार, निगरानी करने वाले ड्रोन और लेजर गाइडेड बम मुहैया कराए इससे भारत को ये लड़ाई जीतने में मदद मिली। 1999 के करगिल युद्ध में भी इजरायल ने भारत को एरियल ड्रोन, लेसर गाइडेड बम, गोला बारूद और अन्य हथियार बेचे। संकंट के समय इजरायल हमेशा हथियार आपूर्तिकर्ता देश के रूप में स्थापित हुआ।
इजरायल को विस्फोटक की सप्लाई
सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिकॉर्ड अब संकेत देते हैं कि म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL) को भी हाल ही में जनवरी 2024 तक अपने उत्पादों को इज़राइल भेजने की अनुमति दी गई है। 18 अप्रैल, 2024 को कंपनी ने फिर से आवेदन किया। इज़राइल से दोबारा ऑर्डर के तहत उन्हीं उत्पादों के निर्यात के लिए। इज़राइल को कंपनी के दूसरे निर्यात की मंजूरी लाइसेंसिंग अधिकारियों द्वारा विचाराधीन है। एमआईएल की स्थापना 2021 में सात अलग-अलग सार्वजनिक उपक्रमों के रूप में 41 आयुध कारखानों के पुनर्गठन और निगमीकरण के हिस्से के रूप में की गई थी। कंपनी के ब्रोशर के अनुसार, एमआईएल सेना, नौसेना, वायु सेना और अर्ध-सैन्य बलों के लिए गोला-बारूद और विस्फोटकों की एक विस्तृत श्रृंखला के उत्पादन, परीक्षण, अनुसंधान एवं विकास और विपणन में लगी हुई है।
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