Amul Vs Nandini: दही पर विवाद के बाद अब कर्नाटक में दूध पर जंग, अमूल बहुत बड़ा, नंदिनी भी कम नहीं, पूरे मामले को आंकड़ों से समझें

Amul Vs Nandin
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Apr 11 2023 3:57PM

राज्य में दूध युद्ध की शुरुआत डेयरी दिग्गज अमूल के एक ट्वीट से हुई जिसमें कहा गया था कि गुजरात स्थित अमूल बेंगलुरु में ऑनलाइन डिलीवरी शुरू करेगा। अमूल ने 5 अप्रैल को ट्वीट कर कर्नाटक में एंट्री की घोषणा की थी।

कुछ दिन पहले कर्नाटक में दही को लेकर विवाद छिड़ा था। मामला दही के पैकेट पर हिंदी में दही लिखे जाने का था। दोनों राज्यों में भारी विरोध के बाद फैसला ले लिया गया। अब कर्नाटक में अमूल को लेकर बीते कुछ दिनों से घमासान मचा है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के ठीक एक महीने पहले गुजरात राज्य के दुग्ध सहकारी ब्रांड अमूल के चुनाव वाले दक्षिणी राज्य में प्रवेश को लेकर राज्य में एक नया राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस और जद (एस) ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा समर्थित अमूल के प्रवेश से कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) के ब्रांड 'नंदिनी' के लिए खतरा पैदा हो जाएगा। कन्नडिगाओं की पहचान कांग्रेस के हमलों के बीच भाजपा ने दावा किया कि अमूल कर्नाटक में प्रवेश नहीं कर रहा है। दरअसल, अमूल ने कुछ दिन पहले कर्नाटक में एंट्री की घोषणा की थी। इसके  बाद से ही कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां सरकार पर आरोप लगा रही हैं कि ये राज्य के नंदिनी ब्रॉन्ड को खत्म करने की कोशिश है। सिर्फ विपक्षी पार्टी ही नहीं कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने भी इसका विरोध किया है। आपको एक-एक कर पूरा मामला समझाते हैं।

इसे भी पढ़ें: कर्नाटक में कुमारस्वामी का चुनावी वादा, किसानों के बेटों से शादी करने वाली महिलाओं को दिए जाएंगे 2 लाख रुपये

नंदिनी बनाम अमूल विवाद कैसे शुरु हुआ

राज्य में दूध युद्ध की शुरुआत डेयरी दिग्गज अमूल के एक ट्वीट से हुई जिसमें कहा गया था कि गुजरात स्थित अमूल बेंगलुरु में ऑनलाइन डिलीवरी शुरू करेगा। अमूल ने 5 अप्रैल को ट्वीट कर कर्नाटक में एंट्री की घोषणा की थी। ट्वीट में अमूल ने कहा था कि अमूल परिवार बेंगलुरू में कुछ ताजा ला रहा है। एक और ट्वीट में अमूल ने लिखा था कि दूध और दही के साथ ताजा की नई लहर बेंगलुरू आ रही है। जल्द ही और अधिक जानकारी दी जाएगी। अमूल की इस घोषणा के बाद से ही ट्विटर पर बॉयकाट वाला ट्रेंड जोड़ पकड़ने लगा। घोषणा के बाद ट्विटर पर #GoBackAmul, #SaveNandini जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। अमूल गुजरात की मिल्क कॉपरेटिव है। इसके उत्पाद गुजरात के बाहर कई राज्यों में बिकते हैं। अमूल की तरह ही नंदिनी कर्नाटक में सबसे बड़ी मिल्क कॉपरेटिव है। कर्नाटक में जो विवाद शुरू हुआ है इसको समझने के लिए आपको थोड़ फ्लैशबैक में लिए चलते हैं। 

अमित शाह के बयान का जिक्र क्यों?

30 दिसंबर 2022 को अमित शाह कर्नाटक के मंड्या में 260 करोड़ रुपये की लागत वाली मेगा डेयरी का उद्घाटन किया था। उद्घाटन के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर अमूल और नंदिनी मिलकर काम करें तो तीन साल में हर गांव के स्तर पर प्राइमरी डेयरियां होंगी। शाह के इस बयान का उस वक्त भी विरोध हुआ था और कहा गया था कि वो नंदिनी से ही खुश हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने आरोप लगाया था कि अमित शाह ने साफ साफ दिखा दिया है कि गुजरात के कॉपरेट्स की नजर कर्नाटक की डेयरी सेक्टर पर है। पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने भी कहा था कि ये कन्नड़ लोगों को गुजरात का गुलाम बनाने की कोशिश है। इसके अलावा किसान संगठनों ने भी शाह के बयान का विरोध किया था। 

नंदिनी के लिए बढ़ता समर्थन

अमूल दूध के विरोध में बेंगलुरु शहर के होटल राज्य के (डेयरी) किसानों का समर्थन करने के लिए" केवल नंदिनी ब्रांड का उपयोग करेंगे।बृहत बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन ने अमूल का नाम लिए बगैर कहा कि कन्नडिगा को केवल नंदिनी दुग्ध उत्पादों का प्रचार करना चाहिए। ब्रुहट बेंगलुरु होटल्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि हम सभी को हमारे किसानों द्वारा उत्पादित कर्नाटक के नंदिनी दूध पर गर्व है और इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। हमारे शहर में, स्वच्छ और स्वादिष्ट कॉफी स्नैक्स की रीढ़ की हड्डी के रूप में है। और हम इसे बड़े गर्व के साथ प्रोत्साहित करते हैं। यह सुना गया है कि दूसरे का दूध राज्यों को हाल ही में कर्नाटक भेजा जा रहा है। हम सभी नंदिनी हैं। कर्नाटक रक्षणा वेदिके ने कर्नाटक में अमूल दूध की बिक्री का विरोध करने और नंदिनी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए विरोध किया। इसके अलावा, नंदिनी एक स्वदेशी ब्रांड होने के नाते और सस्ती कीमत पर उपलब्ध होने के कारण इसे चुनावी कर्नाटक में अमूल पर अपर हैंड भी प्राप्त है। आपूर्तिकर्ताओं के अनुसार, नंदिनी डेयरी की दूध की कीमतें सबसे कम 39 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई हैं। इस बीच, ग्राहकों को दिल्ली में अमूल टोंड दूध के लिए 54 रुपये प्रति लीटर और गुजरात में 52 रुपये प्रति लीटर खर्च करने होंगे।

इसे भी पढ़ें: Chai Par Sameeksha: क्या है मोदी का 'मिशन साउथ', आखिर यहां के राज्यों पर क्यों फोकस कर रही भाजपा

कितना सस्ता है नंदिनी का दूध 

अमूल और नंदिनी की कीमतों पर गौर करें तो नंदिनी के पास बढ़त हासिल है। दोनों ही ब्रांड सभी प्रसिद्ध कैटेगरी टोन्ड मिल्क, फुल क्रीम और दही में सेल करते हैं। लेकिन इनकी कीमतों में काफी अंतर है। अमूल का एक लीटर टोन्ड दूध 54 रुपये का आता है और फुल क्रीम दूध की कीमत 66 रुपये प्रति लीटर है। वहीं नंदिनी के टोंड दूध की कीमत 43 रुपये प्रति लीटर है और इसका फुल क्रीम दूध 55 रुपये का आता है। यानी कीमतों में सीधे 11 रुपये प्रति लीटर का फर्क है। इतना ही नहीं अमूल की दही 66 रुपये तो नंदिनी दही 47 रुपये का आता है, यानी यहां भी प्राइस में 17 रुपये का अंतर है। 

इतना सस्ता कैसे बेच पाती है नंदिनी अपने प्रोडक्ट्स?

नंदिनी को 1974 में विश्व बैंक की सहायता से शुरू किया गया था। केएमएफ सीधे कर्नाटक राज्य सरकार के सहकारिता मंत्रालय के तहत आता है। साल 2008 में कर्नाटक सरकार ने दुग्ध उत्पादक किसानों को 2 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से प्रोत्साहन राशि देना शुरू किया था। मौजूदा वक्त में ये 6 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है। केएमएफ देश के अन्य मिल्क को-ऑपरेटिव की तुलना में सस्ता दूध बेच पाता है। नंदिनी बेंगलुरू के 70 प्रतिशत दूध बाजार पर कब्जा रखती है। यहां 33 लाख लीटर दूध की डिमांड है। जिसमें नंदिनी हर दिन 23 लाख लीटर दूध की सप्लाई करती है। 

किसने क्या कहा?

अमूल-नंदिनी युद्ध अब एक राजनीतिक विवाद में बदल गया है और कांग्रेस ने भाजपा पर "राज्य के गौरव" को नष्ट करने का आरोप लगाया है। इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस पर "गलत सूचना अभियान" शुरू करने का आरोप लगाया है, जिसमें कहा गया है कि उसने केएमएफ को मजबूत करने के लिए विपक्षी दल की तुलना में कहीं अधिक किया है, जिसके उत्पाद ब्रांड नाम नंदिनी के तहत बेचे जाते हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सभी कन्नडिगों को अमूल उत्पादों को नहीं खरीदने की शपथ लेनी चाहिए। सिद्धारमैया ने कहा कि सभी कन्नडिगों को केएमएफ के हड़पने का एकमत से विरोध करना होगा, जिसे देश के किसानों के कल्याण के लिए बनाया गया है। सभी कन्नडिगों को अमूल उत्पादों को नहीं खरीदने का संकल्प लेना चाहिए। कांग्रेस के दिग्गज नेता ने रविवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या उनके दौरे का मकसद 'राज्य को लूटना' है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह गुजरात का बड़ौदा बैंक था जिसने हमारे विजया बैंक को समाहित कर लिया। बंदरगाहों और हवाई अड्डों को गुजरात के अडानी को सौंप दिया गया। अब, गुजरात का अमूल हमारे KMF (नंदिनी) को खाने की योजना बना रहा है। मिस्टर नरेंद्र मोदी, क्या हम गुजरातियों के दुश्मन हैं? पीएम मोदी पर सिद्धारमैया के स्वाइप के तुरंत बाद, भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि अमूल कर्नाटक में प्रवेश नहीं कर रहा है। अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि अमूल कर्नाटक में प्रवेश नहीं कर रहा है। अमूल और केएमएफ दोनों अपने उत्पादों को त्वरित-वाणिज्य प्लेटफार्मों पर बेचते हैं। 2019 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद केएमएफ का कारोबार 10,000 करोड़ रुपये बढ़ गया। 2022 में कारोबार (रुपये) 25,000 करोड़ रुपये था। जिसमें से (रुपये) 20,000 करोड़ कर्नाटक के किसानों के पास वापस चले गए। 

कर्नाटक सरकार का क्या कहना है?

राज्य में अमूल के प्रवेश पर विवाद के बीच डीके शिवकुमार ने हासन में नंदिनी मिल्क पार्लर का दौरा किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि अमूल पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, यह कहते हुए कि नंदिनी देश में नंबर एक ब्रांड बन जाएगी। उन्होंने अमूल के दूध और दही को बेंगलुरु में प्रवेश करने से रोकने के विचार को भी खारिज कर दिया। बोम्मई ने कहा कि बोम्मई ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, "नंदिनी के उत्पाद अन्य राज्यों में भी बेचे जा रहे हैं। सरकार नंदिनी को खुले बाजार में अमूल के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करने के लिए कदम उठाएगी, लेकिन वह गुजरात स्थित ब्रांड को नहीं रोकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, "नंदिनी हमारे राज्य का एक बहुत अच्छा ब्रांड है... कांग्रेस और जद (एस) चुनाव के समय राजनीति कर रहे हैं। राज्य के सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर ने रविवार को दोहराया कि केएमएफ का अमूल में विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर अमूल 57 रुपये प्रति लीटर पर ऑनलाइन दूध बेचता है, तो हम इसे 39 रुपये में बेचते हैं। हम अपने उत्पादों को तमिलनाडु और अन्य राज्यों में भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि नंदिनी ब्रांड को मिटाना असंभव है। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कर्नाटक के लोग स्पष्ट रूप से जानते हैं कि यह नंदिनी के लिए प्यार नहीं है, बल्कि अमूल के प्रति उनकी नफरत है क्योंकि यह गुजरात से है। उन्होंने कहा कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी गुजरात से हैं, इसलिए कांग्रेस चुनाव प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है।

All the updates here:

अन्य न्यूज़