सरकारी कर्मचारी, पार्टी पदाधिकारी, सांसद, नेता कई अंजाम वही, केजरीवाल एंड कंपनी में स्वैग से नहीं लात-घूंसों से स्वागत का अंदाज बहुत पुराना है

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अभिनय आकाश । May 17 2024 3:41PM

मारपीट के आरोप इस पार्टी के ऊपर पहले भी लग चुके हैं। आज आम आदमी पार्टी के इतिहास पर नजर डालें तो पहले भी मारपीट के कलंक उनके ऊपर लग चुके हैं।

मुझे दिल्ली के लोगों की सेवा करनी है, मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता। मैं बहुत छोटा आदमी हूं। साधारण सी वेशभूषा में खुद को परिभाषित करने के लिए न जाने कितनी बार इन शब्दों का इस्तेमाल किया होगा। आप का उदय आशा की किरण के समान था। जिसे भारतीय राजनीति में आदर्शवाद की वापसी के रूप में देखा गया। इसमें बीजेपी और कांग्रेस के राष्ट्रीय विकल्प के रूप में उभरने की क्षमता भी कई वर्गों में नजर आई। लेकिन इतिहास की समझ की कमी, राष्ट्र के पुननिर्माण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की कमी के कारण आज पार्टी जिस स्थिति में है वो निराशा का कारण बन गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहली बार भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन (2011) करते हुए तिहाड़ जेल गए थे। वर्तमान में वह भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले की वजह से उसी तिहाड़ से बेल पर बाहर हैं। वहीं इस दौरान उनके आवास पर 13 मई को हुई घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

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स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास में बदसलूकी 

सीएम हाउस में स्वाति मालीवाल के साथ हुई अभ्रदता का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी चपेट में केजरीवाल आ गए हैं। सवाल केजरीवाल की चुप्पी को लेकर है? एक तरफ एनसीडब्लयू की तरफ से नोटिस जारी कर केजरीवाल के पीए विभव कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। वहीं दूसरी तरफ साढ़े चार घंटे स्वाति मालीवाल के घर पर जाकर उनका बयान दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज किया गया। फिर धारा 354, 506,509 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एम्स में ले जाकर उनका मेडिकल कराया गया। लेकिन ये मामला बेहद गंभीर है। घटना के तीन दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए स्वाति मालीवाल ने एक्स पर लिखा कि मेरे साथ जो हुआ वो बहुत बुरा था। मेरे साथ हुई घटना पर मैंने पुलिस को अपना स्टेटमेंट दिया है। मुझे आशा है कि उचित कार्यवाही होगी। पिछले दिन मेरे लिए बहुत कठिन रहे हैं। जिन लोगों ने प्रार्थना की उनका धन्यवाद करती हूँ। जिन लोगों ने करेक्टर असैनिनेशन करने की कोशिश की, ये बोला की दूसरी पार्टी के इशारे पर कर रही है, भगवान उन्हें भी खुश रखे। 

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संगीन मामलों में एफआईआर दर्ज

एफआईआर आईपीसी की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) / 341 (गलत तरीके से रोकने के लिए सजा) / 354 बी महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग / (506 आपराधिक धमकी के लिए सजा / 509 (शब्द, इशारा) या किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से किया गया कृत्य) के तहत दर्ज की गई है। एफआईआर की कॉपी से खुलासा हुआ है कि स्वाति मालीवाल को विभव कुमार ने सात से आठ थप्पड़ मारे, पेट पर वार किया। वो टेबल से टकराकर नीचे भी गिर गई। जिसको लेकर उनके सिर पर भी चोट आई। मालीवाल का एम्स ले जाकर मेडिकल करा लिया गया है। स्वाति मालीवाल की एक वीडियो फुटेज भी सामने आई जिसमें वो सही तरीके से चल भी नहीं पा रही हैं। पुलिस अब केजरीवाल के घर पर जाएगी और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला जाएगा। 

धक्के मारकर योगेंद्र यादव को किया गया बाहर

मारपीट के आरोप इस पार्टी के ऊपर पहले भी लग चुके हैं। आज आम आदमी पार्टी के इतिहास पर नजर डालें तो पहले भी मारपीट के कलंक उनके ऊपर लग चुके हैं। 2015 में योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल के बीच भयंकर बवाल छिड़ गया था। पार्टी दो फाड़ हो चुकी थी। आम आदमी पार्टी ने नेशनल एग्जीक्यूटिव की मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग में क्या कुछ हुआ था खुद योगेंद्र यादव ने बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था की मीटिंग में बाउंसर बुलाए गए और नेताओं से मारपीट की गई। योगेंद्र यादव ने तब चीख चीखकर कहा था कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकतंत्र की हत्या हुई है। यहां मारपीट चल रही है। हमारे साथ नेशनल काउंसिल के मेंबर रमजान चौधरी है। इनको काउंसिल की मीटिंग में से घसीटकर बाउंसर ने लात मारी। उनकी हड्डी में चोट पहुंची है। धक्क-मुक्की हुई है, लोगों को मारा गया।

चीफ सेक्रेटरी पर बरसाए गए लात और घूंसे

अरविंद केजरीवाल के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की पिटाई का प्रकरण आपको याद होगा। साल 2018 में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पिटाई करने का आरोप लगाया था। इस मामले में ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान और देवली से विधायक प्रकाश जरवाल को तिहाड़ जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। आरोप लगे थे कि अंशु प्रकाश पर केजरीवाल की मौजूदगी में उनकी पार्टी के विधायकों ने हमला किया था। इस मामले में सीएम और डिप्टी सीएम समेत कुल 13 आरोपी थे, जिनमें से 11 को बरी करने का आदेश कोर्ट ने दिया था। दरअसल, फरवरी 2018 में दिल्ली के मुख्य सचिव आईएएश अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी की दरम्यानी रात को उन्हें सीएम केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के नाम पर बुलाया गया। इस बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप विधायक अमातुल्लाह खान समेत अन्य कई विधायक मौजूद थे। 1986 बैच के आईएएस अंशु प्रकाश ने अपनी शिकायत में कहा था कि उन्हें आप सरकार के लिए किए जाने विज्ञापन को लेकर एक मीटिंग में बुलाया गया था। अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया कि इसी बैठक में उनके साथ आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत अन्य ने उन पर हमला बोला। अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया कि उनके मुंह और सर पर कई घूंसे मारे गए।

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