जाट बनाम क्षत्रिय तो नहीं बन रहा पहलवानों का मामला, दिल्ली से हरिद्वार तक फुल एक्टिव मोड में टिकैत बंधु, आखिर क्या है पूरा माजरा?
किसान आंदोलन वाले टिकैत भी सक्रिय नजर आ रहे हैं। जिसके बाद ये विवाद जात-पात और सांप्रदायिक रंग लेता नजर आ रहा है। इससे पहले भी सोशल मीडिया पर कई पोस्ट के जरिए इस लड़ाई को ठाकुर बनाम जाट का संघर्ष बताया जा रहा है।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरने को महीनों गुजर चुके हैं। खिलाड़ी अपनी मांगों को लेकर अड़ें हैं और टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। इस बीच यौन शोषण के आरोपों से घिरे बृज भूषण सिंह ने भी इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है। हरियाणा से आने वाले इन पहलवानों को किसान संगठनों का भी समर्थन मिला है। इसमें टिकैत भाईयों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। पहलवानों के जाट बिरादरी से ताल्लुक होने की वजह से ये मामला जाट बनाम क्षत्रिय का रूप लेना नजर आ रहा है। कद्दावर नेता बृजभूषण शरण सिंह क्षत्रिय बिरादरी से आते हैं। बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ हरियाणा के अलावा पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पहलवान लाबंद दिखाई दे रहे हैं। जिन्हें हरियाणा की कई खाप पंचायतों ने खुला समर्थन दिया है। फोगाट खाप के अलावा सर्वजातिए खाप पंचायत ने भी धरना दे रहे कुश्ती खिलाड़ियों के समर्थन में एक्शन आने की बात कही। ऐसे में ये विवाद और उलझता ही जा रहा है। इसमें हरियाणा की खाप पंचायतों की भी एंट्री हो चुका है। वहीं किसान आंदोलन वाले टिकैत भी सक्रिय नजर आ रहे हैं। जिसके बाद ये विवाद जात-पात और सांप्रदायिक रंग लेता नजर आ रहा है। इससे पहले भी सोशल मीडिया पर कई पोस्ट के जरिए इस लड़ाई को ठाकुर बनाम जाट का संघर्ष बताया जा रहा है।
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कैसे बढ़ता गया बृजभूषण सिंह बनाम पहलवानों का विवाद
विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत भारत के शीर्ष पहलवान जनवरी में दिल्ली में प्रतिष्ठित जंतर मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का विरोध करने के लिए एकत्रित हुए। पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के इस्तीफे और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। बृज भूषण सिंह कैसरगंज से भाजपा के सांसद भी हैं। उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया कि उन्होंने कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया और कहा कि अगर वह दोषी पाए गए तो वह खुद को फांसी देने के लिए तैयार होंगे। पहलवानों ने मांग की कि बृजभूषण सिंह को नार्को टेस्ट कराना चाहिए और डब्ल्यूएफआई प्रमुख इसके लिए सहमत हो गए। हालाँकि, उन्होंने एक शर्त रखी कि मल्लयोद्धाओं को भी यही परीक्षा देनी होगी। पहलवान अप्रैल में फिर से जंतर मंतर पर जुटे और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने 28 मई को नए संसद भवन की ओर कूच किया, उसी दिन जब इसका उद्घाटन किया जा रहा था। पुलिस ने उन्हें रोक दिया और हिरासत में ले लिया। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और जंतर मंतर पर विरोध स्थल को खाली कराया गया। जिसके बाद पहलवानों ने 30 मई को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर अपने पदक हरिद्वार में विसर्जित करने की धमकी दी, लेकिन किसान नेताओं के हस्तक्षेप के बाद इसके खिलाफ जाने का फैसला किया।
टिकैत की महापंचायत
किसानों के संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे पहलवानों के समर्थन में एक जून को देशव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया। एसकेएम ने एक बयान में कहा कि उसने भारतीय पहलवानों तथा समाज के सभी अन्य वर्गों के प्रदर्शन करने के लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा करने और ‘भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग के लिए देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है। टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से विभिन्न खापों के प्रतिनिधि इस खाप महापंचायत में हिस्सा लेंगे।
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बृजभूषण सिंह भी अपनी ताकत दिखाने में लगे
महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपों में घिरे भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह बाराबंकी जिले में जनसभा को संबोधित किया। जहां उन्होंने रामायण की चौपाई रघुकुल रीत सजा तली आई प्राण जाए पर वचन न जाए से भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मैंने उसी दिन कहा कि कब हुआ, कहां हुआ, किसके साथ हुआ एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो बृज भूषण सिंह स्वयं ही फांसी पर लटक जाएगा किसी को कहना नहीं पड़ेगा। आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं। चार महीने हो गए मुझे फांसी चाहते हैं। सरकार मुझे फांसी नहीं दे रहे हैं तो अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं। मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से फांसी नहीं मिलेगी। अगर सबूत हैं तो कोर्ट में दें। अगर आरोप साबित हुए तो फांसी पर लटक जाऊंगा। सिंह ने कहा कि ये इमोशनल ड्रामा है। अगर सबूत हैं तो कोर्ट में दें। सिंह ने कहा कि मेरे कार्यकाल में कुश्ती को कामयाबी मिली। इन पहलवानों की कामयाबी में मेरा हाथ है। 85 फीसदी हरियाणा भी हमारे साथ है। सासंद के इस कार्यक्रम को जाट बनाम क्षत्रिय से जोड़कर देखा जा रहा है। ये कार्यक्रम किसी खास राजनीतिक दल का नहीं बल्कि बृज भूषण सिंह के समर्थन का रहा। यही वजह है कि अन्य क्षत्रिय नेताओं को भी इसमें बुलाया गया।
अयोध्या में विशाल जन चेतना महारैली
बृज भूषण सिंह अगले सप्ताह 5 जून को अयोध्या में विशाल जन चेतना महारैली का आयोजन करने जा रहे हैं। अयोध्या में आयोजित होने वाली जनचेतना महारैली में लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ जुटाकर बीजेपी सांसद एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर एक संदेश देने का प्रयास करेंगे। सपा के पूर्व ब्लाक प्रमुख ज्ञानू सिंह ने सांसद बृज भूषण सिंह के समर्थन में होर्डिंग्स लगाई है। होर्डिग्स में साफ तौर पर लिखा नजर आया कि देश के पूज्य संतों के आह्वान पर 5 जून को अयोध्या चलो।
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दोनों तरफ से किया जा रहा है शक्ति प्रदर्शन
दोनों ही तरफ से जनसभा और महापंचायत के जरिए शक्ति प्रदर्शन की कवायद की जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों की तरफ से इसे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी बनाम कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल के तौर पर देख रहे हैं। गौरतलब है कि जाट समुदाय हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूत स्थिति में हैं। कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा पर भी आरोप लग रहे हैं कि कुश्ती संघ की राजनीति के तहत वो बृजभूषण सिंह के मुद्दे को हवा दे रहे हैं। वहीं बृजभूषण भी अवद और पूर्वांचल के कई जिलों में प्रभाव रखते हैं।
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