Hindenburg के बाद अब हिटजॉब, मोदी सरकार के मंत्रियों के पीछे कौन? गडकरी को बदनाम करने के लिए बांग्लादेशी कंपनी को दिया गया ठेका

ऐसा कहा जाता है कि इथेनॉल वाहन के इंजन को प्रभावित करता है और ईंधन दक्षता या माइलेज को भी कम करता है। हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि आम लोगों में भ्रांतियाँ फैलाई गई हैं। अब तेल कंपनियों और उद्योग समूहों ने इस संबंध में अहम बयान दिया है। उन्होंने साफ़ तौर पर बताया है कि इथेनॉल का वाहनों पर क्या असर होगा।
नितिन गडकरी को बदनाम करने को लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। इथनॉल मामले में नितिन गडकरी को बदनाम करने के लिए बांग्लादेश की एक फर्म को हायर किया गया था। फेक अकाउंट बनाकर झूठी खबर प्लांट की गई भारत में और क यूट्यूबर्स से लेकर नेता ताबड़तोड़ उसको लेकर एक्स पोस्ट और वीडियो बना रहे थे। फेक अकाउंट बनाकर बांग्लादेशी फर्म ने मोदी सरकार की छवि को खराब करने की साजिश रची थी। दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की कि भारत आने वाले महीनों में ईंधन में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लेगा। जब से भारत में इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल उपलब्ध हुआ है, तब से विभिन्न प्रकार की नकारात्मक चर्चाओं ने भी जोर पकड़ लिया है। ऐसा कहा जाता है कि इथेनॉल वाहन के इंजन को प्रभावित करता है और ईंधन दक्षता या माइलेज को भी कम करता है। हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि आम लोगों में भ्रांतियाँ फैलाई गई हैं। अब तेल कंपनियों और उद्योग समूहों ने इस संबंध में अहम बयान दिया है। उन्होंने साफ़ तौर पर बताया है कि इथेनॉल का वाहनों पर क्या असर होगा।
इसे भी पढ़ें: China से लौटते ही मोदी का ट्रंप को झटका! पुतिन की सलाह, अमेरिका से बदला शुरू
नितिन गडकरी के बेटे पर निशाना
नितिन गडकरी का एक बेटा है और उसका एथनॉल की कंपनी में शेयर है। इसलिए इथनॉल को पेट्रोल में मिक्स किया जा रहा है। लेकिन जिस कंपनी के बारे में बताया गया उस कंपनी में नितिन गडकरी के बेटे का शेयर .06 % है। वो कंपनी भारत की टॉप इथनॉल पर्सेचिंज कंपनी में भी नहीं आती। 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण से हमारे देश को हर साल 80 बिलियन डॉलर बचेगा। जो विदेशी कंपनियां भारत को हर साल 80 बिलियन डॉलर का तेल बेचती थी, उनके धंधे पर असर पड़ेगा। ऐसे में ऑयल माफियाओं ने देश में दुष्प्रचार फैलाना शुरू किया। जैसे नितिन गडकरी बेटे की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए फैसला लिया। इसके अलावा कहा गया कि इथनॉल वाले तेल से गाड़ी का माइलेज कम हो जाएगा।
वाहन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
E20, अर्थात् 20 प्रतिशत इथेनॉल और 80 प्रतिशत गैसोलीन का मिश्रण, वाहन के प्रदर्शन पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं डालता है। ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), तेल कंपनियों और वाहन निर्माताओं ने एक सम्मेलन के माध्यम से स्पष्ट किया कि इस ईंधन का उपयोग सभी प्रकार के वाहनों में सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने बताया कि दो या तीन ऑटोमोबाइल कंपनियों ने दोपहिया और चार पहिया वाहनों का एक लाख किलोमीटर तक परीक्षण किया है और किसी भी प्रकार की खराबी की सूचना नहीं मिली है। ग्राहकों को भरोसा दिलाया गया है कि इससे पुराने वाहनों पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने स्पष्ट किया है कि वाहनों की वारंटी में कोई बदलाव नहीं होगा। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने स्पष्ट किया है कि वाहनों की वारंटी में कोई बदलाव नहीं होगा। पुराने वाहनों में अगर कोई समस्या है भी, तो वारंटी और बीमा मान्य होगा। इसलिए उपभोक्ताओं को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। तकनीकी रूप से, चूंकि इथेनॉल में पेट्रोल की तुलना में ऊर्जा की मात्रा कम होती है, इसलिए माइलेज में 5-6 प्रतिशत की मामूली कमी हो सकती है, लेकिन उपभोक्ताओं पर इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है। उद्योग प्रतिनिधियों ने कहा कि कम्पनियां इस समस्या से निपटने के लिए अन्य तकनीकी उपाय कर रही हैं, तथा दक्षता में कमी के दावे अतिशयोक्तिपूर्ण हैं।
इसे भी पढ़ें: जरांगे भले खुद को जीता हुआ मान रहे, असली खेल तो फडणवीस ने कर दिया, मराठा आंदोलन के पर्दे के पीछे कौन?
बांग्लादेशी फर्म को किया गया हायर
इस दुनिया में तीन सबसे बड़ी लॉबी फॉर्मा, डिफेंस और ऑयल लॉबी है। वो इतने शक्तिशाली हैं कि कोई देश अगर उनके हितों से छेड़छाड़ करते हैं। वहां तख्तापलट करवा देते हैं। कहा जा रहा है कि इंटरनेशन ऑयल माफियाओं के गुट ने नितिन गडकरी को बदनाम करने के लिए एक बांग्लादेशी फर्म को हायर किया। वो कई सारे आईटी कंपनियों को हायर करके अल्गोरिदम बदलकर वही दिखाएगा जो वो चाहते हैं। बांग्लादेशी फर्म को 25 मिलियन डॉलर दिया गया।
मोदी सरकार के मंत्रियों पर हिटजॉब
मोदी सरकार के अलग अलग मंत्रियों को लेकर अलग अलग तरह के हिटजॉब शुरू हुए। अश्विनी वैष्णव उनके निशाने पर रहे। एडलर इंडस्ट्रियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को लेकर वैष्णव की पत्नी सुनीता और उनके बेटे राहुल वैष्णव पर निशाना साधा गया। बताया गया कि 6 साल में कंपनी की आय 45 लाख से बढ़कर 323 करोड़ रुपये तक पहुँच गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर को निशाने पर लिया गया। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि जिस संगठन के लिए विदेश मंत्री का बेटा काम करता है, उस संगठन को भी चीनी दूतावास से तीन बार फंड मिला है। फिर नंबर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आया। कांग्रेस की ओर से इथनॉल को लेकर निशाना साधा गया। पवन खेड़ा ने कहा कि गडकरी जी के दो बेटे हैं. पिता नीतियां बना रहे हैं। बेटे उन नीतियों के आधार पर पैसा बना रहे हैं। निखिल गडकरी का 18 करोड़ का रेवेन्यू 1 साल में 523 करोड़ हो गया है। पवन खेड़ा ने कहा, निखिल गडकरी और सारंग गडकरी दोनों मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी के बेटे हैं. नितिन गडकरी के दोनों बेटों की कंपनियां सियान एग्रो इंडस्ट्रीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, मानस एग्रो इंडस्ट्रीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड इथेनॉल प्रोड्यूस करती हैं।
कार्बन उत्सर्जन में कमी
इथेनॉल मिश्रण से कार्बन उत्सर्जन कम होता है। अब इथेनॉल का उत्पादन न केवल गन्ने से, बल्कि अतिरिक्त चावल, मक्का, खराब अनाज और कृषि अवशेषों से भी किया जा रहा है। इससे यह अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल हो जाता है। सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए दूसरी पीढ़ी (2G) के जैव ईंधन के उत्पादन पर भी ध्यान केंद्रित किया है। उद्योग विशेषज्ञों ने बताया कि भविष्य में, E20 से अधिक के मिश्रण, जैसे E27 या E30, पर विचार किया जाएगा। हालाँकि, इसे उद्योग-उपभोक्ता परामर्श के बाद चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। ताकि संक्रमण काल में उपभोक्ताओं को कोई असुविधा न हो। एआरएआई के निदेशक रेजी मथाई ने बताया, इथेनॉल मिश्रण न केवल तकनीकी रूप से उपयोगी है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ भी है। इसलिए उपभोक्ताओं को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अन्य न्यूज़













