Turkey, Saudi, Iraq पर एक साथ होने वाला था अटैक? नया NATO बनाकर इजरायल-अमेरिका की तबाही लिखेंगे 50 मुस्लिम देश?

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अभिनय आकाश । Sep 15 2025 2:38PM

ईरान इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोहसिन रिजई ने ये बात कही है कि मुस्लिम देश एकजुट नहीं हुए तो अबकी बार तुर्की, इराक और सऊदी अरब की बारी आ सककती है। एक ही रास्ता बचा है और वो है इस्लामिक सैन्य गठबंधन का गठन।

कतर में इजरायल द्वारा हमास के आतंकियों पर हवाई हमले ने इस्लामी और अरब देशों में खलबली मचा दी है। जहां एक ओर इजरायल ने इसे आतंकवाद के खिलाफ लक्षित कार्रवाई बताया तो वहीं अरब देशों में इसका काफी विरोध देखने को मिला। अरब देशों ने इजरायल की बढ़ती सैन्य पहुंच को लेकर गंभीर चिंता जताई। लेकिन अब ईरान ने इजरायल को लेकर एक बड़ा दावा किया है। ईरान के पूर्व सैन्य जनरल के एक बयान से काफी हलचल मच गई है। ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व आईआरजीसी कमांडर मोहसिन रिजई ने दावा किया कि इजरायल अब तुर्की, इराक और सऊदी अरब को निशाना बना सकता है। उनके मुताबिक अगर इन देशों ने हमास या उनके गुटों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन दिया तो इजरायल आगे जाकर ये कदम उठा सकता है। ऐसे में ईरान के अधिकारियों का ये मानना है कि मुस्लिम देशों को संयुक्त सैन्य मोर्चा बनाना चाहिए। ईरान इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोहसिन रिजई ने ये बात कही है कि मुस्लिम देश एकजुट नहीं हुए तो अबकी बार तुर्की, इराक और सऊदी अरब की बारी आ सककती है। एक ही रास्ता बचा है और वो है इस्लामिक सैन्य गठबंधन का गठन।  

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कतर पर हमले के बाद मुस्लिम देशों में बढ़ी हलचल

दरअसल, कतर में हुए हमले को इस्लामिक एकता के खतरे के रूप में देखा जा रहा है। ईरान ने इस पूरे घटनाक्रम को ओआईसी के सामने उठाने की तैयारी भी कर ली है। कतर में होने वाले आपातकालीन शिखर सम्मेलन में ईरान मुस्लिम देशों के सामने एक संयुक्त इस्लामी सैन्य कमान बनाने की अपील कर सकता है। ईरान का ऐसा मानना है कि इजरायल के आक्रमक रूख को देखते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक स्थाई डिफेंस मैकनिज्म तैयार करना चाहिए। दरअसल, इजरायल ने कतर पर जो हमला किया उसके बाद से मुस्लिम देशों में काफी हलचल बढ़ गई है। इससे पहले तुर्की ने भी इस हमले पर चिंता जताई थी। इस हमले के बाद तुर्की की प्रतिक्रिया सामने आई थी। तुर्की के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने अंकारा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि इजरायल द्वारा कतर में किया गया ये लापरवाह हमला क्षेत्र को और भी अधिक अस्थिर कर सकता है और इसके अधिक गंभीर परिणाम हो सकते हैं। 

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हमास का समर्थन के लिए किसी पर भी हो सकता है हमला

तुर्की ने ये आशंका जताई कि इजरायल की ये आक्रमक नीति पूरे क्षेत्र को तबाही कि ओर धकेल सकती है। देखा जाए तो तुर्की की ये प्रतिक्रिया सिर्फ कतर केसाथ उसकी करीबी रणनीतिक साझेदारी के लिए नहीं बल्कि इसलिए भी है कि खुद वो हमास को शरण देता आया है। ऐसे में ईरान ने जैसा दावा किया है कि कोई भी देश हमास या उससे संबंधित गुटों को समर्थन देता है तो इजरायल उस पर हमला करने से पहले नहीं सोचेगा और अगर इजरायल के इतिहास को देखा जाए तो उसने हाल के दिनों में सीरिया में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमास का समर्थन करने के लिए ईरान पर हमला किया। यमन में हूती विद्रोहियों पर कार्रवाई की और अब कतर की राजधानी में हमास की बैठक पर हमला किया। यही वजह है कि अब अरब देशों में काफी बैचैनी देखने को मिल रही है। इन देशों को डर है कि कहीं इजरायल जवाबी कार्रवाई में उन पर ही न हमला कर दे।

इजरायल पर लगाम जरूरी

कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा कि इजरायल ने सभी हदों को पार कर दिया है। समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोहरे मापदंड अपनाना बंद करे और इजराइल को उसके द्वारा किये गए सभी अपराधों के लिए दंडित करे। उन्होंने कहा कि इजरायल पर लगाम लगाया जाना जरूरी है क्योंकि वह किसी अंतरराष्ट्रीय नियम की परवाह नहीं कर रहा है। वहीं पाकिस्तानी डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने कतर पर इजरायली हवाई हमलों के जवाब में ठोस उपायों का आग्रह किया है। डार ने कहा कि इजरायल को संयुक्त राष्ट्र से निकाला जाए और उसके खिलाफ इस्लामी देशों की टास्क फोर्स बनाई जाए।

इस्लामी देशों के 50 से ज्‍यादा नेताओं ने बुलाई आपात बैठक

इजरायल के कतर पर हमले के बाद खाड़ी में बने तनावपूर्ण माहौल के बीच मुस्लिम देशों की बैठक हो रही है। कतर की राजधानी दोहा में अरब और इस्लामी देशों के 50 से ज्‍यादा नेता जुट रहे हैं। कतर की मेजबानी में हो रही इस बैठक में सऊदी अरब, ईरान, पाकिस्तान, तुर्की जैसे प्रभावी मुस्लिम देश शामिल हो रहे हैं। इजराइल ने गाजा में संघर्ष विराम के अमेरिकी प्रस्ताव के बीच कतर में हमास नेतृत्व को निशाना बनाकर हमला किया। अटैक के बाद मुस्‍ल‍िम देशों में गुस्सा है। इजरायल के खिलाफ रणनीति के लिए मुस्लिम मुल्क जुटे हैं। 

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