Prabhasakshi Exclusive: Japan Air Force के साथ भारतीय वायुसेना के पहले अभ्यास के मायने क्या हैं?
भारत और जापान की वायु सेनाओं के कर्मियों ने एक-दूसरे के लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी ताकि एक-दूसरे के परिचालन की गहरी समझ हासिल की जा सके। जापानी बल ने अपने एफ-2 और एफ-15 विमानों के साथ अभ्यास में भाग लिया।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी से हमने पूछा कि भारतीय वायुसेना और जापान की वायुसेना की ओर से किये गये अभ्यास को आप किस रूप में देखते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना और जापान एअर सेल्फ-डिफेंस फोर्स का 16 दिवसीय द्विपक्षीय हवाई अभ्यास जापान में संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘वीर गार्डियन 2023’ नामक इस पहले अभ्यास में दोनों वायु सेनाओं की ओर से सटीक योजना और कौशलपूर्ण क्रियान्वयन शामिल रहा।
उन्होंने बताया कि दोनों वायु सेनाओं के कर्मियों ने एक-दूसरे के लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी ताकि एक-दूसरे के परिचालन की गहरी समझ हासिल की जा सके। जापानी बल ने अपने एफ-2 और एफ-15 विमानों के साथ अभ्यास में भाग लिया, वहीं भारतीय वायुसेना की टुकड़ी ने सुखोई-30 एमकेआई विमान के साथ भाग लिया और इसकी टुकड़ी में बीच हवा में ईंधन भरने वाला एक आईएल-78 विमान और दो सी-17 ग्लोबमास्टर रणनीतिक परिवहन विमान भी शामिल रहे।
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ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि 16 दिन के संयुक्त प्रशिक्षण के दौरान दोनों वायुसेना अनेक कृत्रिम अभियान परिदृश्यों में जटिल तथा व्यापक हवाई अभ्यासों में शामिल रहीं। इस अभ्यास से दोनों बलों को परस्पर समझ बढ़ाने का अवसर मिला। उन्होंने साथ ही कहा कि दुनिया के कई देश देख रहे हैं कि हमने पूर्वोत्तर में उग्रवाद पर काबू पाया है, वाम उग्रवाद पर भी नकेल कसी है और चीन और पाकिस्तान का भी हम डटकर मुकाबला कर रहे हैं। इसीलिए लोग हमारी तकनीकों को जानना चाहते हैं ताकि समय आने पर चीन को जवाब दिया जा सके।
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