Prabhasakshi Exclusive: 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स पर भारत के गश्त नहीं कर पाने की खबर का सच क्या है?

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इस प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि लद्दाख में 65 गश्त वाले स्थानों में से 26 पर भारत के गश्त नहीं कर पाने की खबरों पर सरकार ने चूंकि कुछ नहीं कहा है इसलिए इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी से हमने पूछा कि एक समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया कि पूर्वी लद्दाख में 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स भारत के हाथ से निकल चुके हैं। सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी है लेकिन सूत्रों के हवाले से आई खबरों में इस खबर को असत्य बताया गया है। माना जा रहा है कि संसद के बजट सत्र में विपक्ष इस मुद्दे को उठा सकता है। हमने जानना चाहा कि आपको क्या लगता है कि वाकई इस खबर में कोई दम नहीं है?

इस प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि लद्दाख में 65 गश्त वाले स्थानों में से 26 पर भारत के गश्त नहीं कर पाने की खबरों पर सरकार ने चूंकि कुछ नहीं कहा है इसलिए इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन ऐसी खबरें हैं कि एक अधिकारी ने डीजीपी और आईजी सम्मेलन के दौरान इस बात को रखा था।

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ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि देश को हमारी सेना पर विश्वास होना चाहिए क्योंकि वह भारत भूमि की एक इंच जमीन भी दुश्मन को नहीं हथियाने दे सकती। लेकिन जहां तक चीन के साथ विवाद की बात है तो हमको यह भी समझना होगा कि सीमाएं अपरिभाषित हैं इसीलिए इस तरह के विवाद सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा अपरिभाषित होने के चलते कोई अनुमान या पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने कहा कि सेना सीमा पार गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रही है और किसी भी उभरती चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी समस्या इस तथ्य से उत्पन्न होती है कि भारत और चीन की सीमा अपरिभाषित है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में अलग-अलग धारणाएं हैं, जिनसे समस्याएं पैदा होती हैं।’’ 

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