भारत में 2010-22 के दौरान 16,000 किलोग्राम शार्क फिन जब्त किए गए

shark fin seized
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पशु संरक्षण के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन विश्व वन्यजीव कोष और ट्रैफिक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु में शार्क मछलियों के करीब 65 प्रतिशत उत्पाद जब्त किए गए। इसके बाद कर्नाटक, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र का स्थान रहा।

नयी दिल्ली। भारत में जनवरी 2010 से दिसंबर 2022 के दौरान लगभग 16,000 किलोग्राम शार्क फिन जब्त किए गए हैं। शार्क मछली के जब्त किये जाने वाले उत्पादों में उसके पंख (फिन) सबसे आम है। बृहस्पतिवार को जारी एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। पशु संरक्षण के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और ट्रैफिक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु में शार्क मछलियों के करीब 65 प्रतिशत उत्पाद जब्त किए गए। इसके बाद कर्नाटक, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र का स्थान रहा। 

इस अध्ययन के प्रकाशकों द्वारा जारी एक बयान के अनुसार अवैध वन्यजीव कारोबार के जाल में भारत की शार्क शीर्षक वाली जानकारियों का उद्देश्य भारत में शार्क के अवैध कारोबार और संरक्षण से जुड़ी चिंताओं को साझा करना है। अध्ययन के अनुसार, जब्त किए गए उत्पादों की आपूर्ति सिंगापुर, हांगकांग, श्रीलंका और चीन जैसे देशों को की जाने वाली थी। शार्क मछली पकड़ने वाले देशों में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है, जहां शार्क का मांस एक लोकप्रिय स्थानीय व्यंजन है, खासकर भारत के दक्षिणी तटीय इलाकों में। 

ट्रैफिक के भारतीय कार्यालय के एसोसिएट डायरेक्टर मेरविन फर्नांडीस ने कहा कि शार्कफिन और मांस की मांग वैश्विक शार्क मत्स्य पालन का एक प्रमुख घटकहै। शार्क समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में शीर्ष शिकारियों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन अत्यधिक मछली पकड़ने और कम जैविक उत्पादकता ने उन्हें विलुप्ति की कगार पर धकेल दिया है। भारत में शार्क की 160 प्रजातियों की मौजूदगी के बावजूद केवल 26 प्रजातियों को ही संशोधित वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत उच्चतम संरक्षण वाली प्रजाति का दर्जा दिया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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