उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 163 नए मामले दर्ज, एक्टिव मरीजों की संख्या 798 हुई

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अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में कल 18 अप्रैल, 2022 को एक दिन में 5,06,830 वैक्सीन की डोज दी गयी है। उन्होने बताया कि प्रदेश में कल तक 18 वर्ष से अधिक लोंगों को कुल पहली डोज 15,28,59,681 तथा दूसरी डोज 12,75,29,244 दी गयी।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने आज बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 98,956 सैम्पल की जांच की गयी। कोरोना संक्रमण के 163 नये मामले आये हैं। प्रदेश में अब तक कुल 11,00,23,467 सैम्पल की जांच की गयी हैं। उन्होंने बताया कि विगत 24 घण्टों में 55 लोग तथा अब तक कुल 20,47,595 लोग कोविड-19 से ठीक हुए हैं। उन्होने बताया कि प्रदेश में कोरोना के कुल 798 एक्टिव मामले है। प्रसाद ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में कल 18 अप्रैल, 2022 को एक दिन में 5,06,830 वैक्सीन की डोज दी गयी है। उन्होने बताया कि प्रदेश में कल तक 18 वर्ष से अधिक लोंगों को कुल पहली डोज 15,28,59,681 तथा दूसरी डोज 12,75,29,244 दी गयी। उन्होंने बताया कि 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग को कल तक कुल पहली डोज 1,31,98,411 तथा दूसरी डोज 85,74,460 दी गयी है। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग को कल तक कुल पहली डोज 33,47,814 व 5,230 को दूसरी डोज दी गयी। कल तक 26,06,912 प्रीकॉशन डोज दी गयी है। उन्होंने बताया कि कल तक कुल मिलाकर 30,81,21,752 वैक्सीन की डोज दी गयी है।

आगामी 05 वर्षों में परिवहन सेवाओं से जुड़ेगी, प्रदेश की सभी ग्राम सभाएं

परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि प्रदेश का प्रत्येक ग्रामसभा परिवहन सुविधाओं से जुड़े। परिवहन विभाग आगामी 05 वर्षों में रोडमैप तैयार करके प्रदेश के सभी नागरिको को परिवहन सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दूसरे कार्यकाल में परिवहन विभाग की जिम्मेदारी मुझे दी गयी है। शीघ्र ही एक उत्तम परिवहन सुविधा प्रदेश के सभी नागरिकों को मिलेगी। विभाग को शीघ्र कार्यवाही करने एवं शासन की योजनाओं/परियोजनाओं को धरातल पर लाने के निर्देश दे दिए गये हैं। परिवहन मंत्री ने कहा कि विकास योजनाओं से जुड़े अधिकारियों को धरातल पर काम करना होगा। किसी भी प्रकार की लेट-लतीफी या अफसरशाही बर्दाशत नहीं की जाएगी। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त की जायेगी। भ्रष्टाचार मुक्त एवं पारदर्शी विकास देना सरकार की प्राथमिकता है।

09 बाढ़ से सुरक्षा की परियोजनाओं हेतु धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में नावार्ड पोषित मद के अंतर्गत 09 चालू परियोजनाओं हेतु स्वीकृत 7271.20 लाख रूपये में से 07 करोड़ 94 लाख 20 हजार रूपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उ0प्र0 लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा 09 अप्रैल, 2022 को जारी शासनादेश में कहा गया है कि इस आवंटित धनराशि से जनपद संतकबीरनगर में घाघरा नदी के बायें तट पर स्थित एम0बी0डी0 एम्बैंकमेंट के0बी0 तटबंध की कटान से सुरक्षा हेतु डेªजिंग द्वारा चैनलाइजेशन कार्य की परियोजना हेतु 99.20 लाख रूपये, जनपद आजमगढ़ में घाघरा नदी के दायें तट पर स्थित ग्राम गांगेपुर मठिया रिंगबाध की कटान से सुरक्षा हेतु डेªजिंग द्वारा चैनलाइजेशन कार्य की परियोजना हेतु 99 लाख रूपये तथा जनपद सीतापुर में शारदा नदी के दायें तट पर स्थित ग्राम लीलापुरवा की कटान से सुरक्षा हेतु डेªजिंग द्वारा चैनलाइजेशन कार्य की परियोजना हेतु 99 लाख रूपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है। शासनादेश में कहा गया है कि इसी प्रकार खीरीलखीमपुर, गोण्डा में 01-01 तथा गोरखपुर एवं बाराबंकी में 02-02 परियोजनाओं पर कार्य किया जायेगा। धनराशि को व्यय करते समय कतिपय शर्तों का पालन किया जाना आवश्यक है। व्यय करने से पूर्व सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करके ही कार्य शुरू कराया जायेगा। किसी प्रकार की अनियमितता के लिए इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं संबंधित अधिकारियों का होगा। इसके साथ ही समय-समय पर वित्त विभाग द्वारा जारी शासनादेश का कड़ाई से अनुपालन किये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं।

नौरसिया ग्राम में सीसी रोड एवं नाले के निर्माण हेतु धनराशि स्वीकृति

राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में त्वरित आर्थिक विकास योजनान्तर्गत जनपद आजमगढ़ में तरवां लालगंज मार्ग पर 03 कि0मी0 से नौरसिया ग्राम में सी0सी0 रोड एवं नाले के निर्माण हेतु 70.42 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृति की है। इस संबंध में नियोजन विभाग द्वारा जिलाधिकारी आजमगढ़ को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि निर्माण कार्यों को मानकों के अनुरूप पूरी गुणवत्ता के साथ स्वीकृति लागत के अंदर ही पूरा कराया जाय। लागत वृद्धि अनुमन्य नहीं होगी। कार्य पूरा होने पर कार्यदायी संस्था द्वारा अपेक्षित रिपोर्ट उपलब्ध करायी जायेगी। उल्लेखनीय है कि इस कार्य की अनुमोदित लागत 140.83 लाख रूपये थी जिसके सापेक्ष प्रथम किस्त के रूप में 70.41 लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी थी। शेष धनराशि 70.42 लाख रूपये कार्य पूरा कराने के लिए जारी की गयी।

नैनो तकनीकी कठिन कामों को बना रहा आसान

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज की ओर से आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार तेल एवं गैस उद्योग में नैनो तकनीकी की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गयी। माननीय कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार मिश्र के निर्देशन में आयोजित इस कार्यशाला का उदे्श्य छात्रों को इंजीनियरिंग के उभरते क्षेत्रों के लिए तैयार करना है। कार्यशाला के दूसरे दिन डॉ0 सौरभ मिश्र ने प्रतिभागियों को नैनो तकनीकी और नैनो साइंस की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जीवन के हर क्षेत्र में नैनो तकनीकी का प्रभाव है। स्वास्थ्य से लेकर कृषि तक में नैनो तकनीकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि इस तकनीकी के जरिये मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। नैनो यूरिया नैनो तकनीकी का ही परिणाम है। तेल और गैस उद्योग में नैनो तकनीकी की जानकारी देते हुए बताया कि कच्चे तेल के उत्पादन से लेकर उसकी रिफाइनरी और टांसपोर्टेशन तक में इसकी अहम भूमिका है। उन्होंने बताया कि इस तकनीकी से न केवल ड्रिलिंग के वक्त ईंधन को ठंडा रखा जाता है साथ ही उसके दबाव को कम करते हैं। ड्रिलिंग काफी स्मूद रहती है। कार्यशाला में विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के 40 छात्रों ने भाग लिया है। सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज की ओर से कार्यशालाओ और शॉर्टटर्म कोर्स की श्रृंखला के दौरान आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इंडस्टीयल ऑटोमेशन एंड स्मार्ट मैनुफैक्चरिंग, एनर्जी कन्वर्जन एंड स्टोरेज, सिन्थेसिस एंड कैरेक्टराइजेशन ऑफ नैनो मैटेरियल्स, नैनो टेक्नोलॉजी इन दी ऑयल इंडस्टी के बारे में छात्रों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज के निदेशक प्रो0 एमके दत्ता व डॉ0 अनुज शर्मा ने बताया कि कार्यशाला का उदेश्य छात्रों को नये प्रौद्योगिकी की जानकारी देना है।

गांव और गरीबों के जीवन को संवारा जाएगा

उत्तर प्रदेश की ग्राम्य विकास व समग्र ग्राम विकास एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम ने आज जवाहर भवन स्थित ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का सघन निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों ही कार्यालयों में पहुंचकर उपस्थिति रजिस्टर देख कर अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी निर्धारित समय पर अपने कार्यालय पहुंचकर अपने कार्यों व दायित्वों का पूरी सुचिता व ईमानदारी के साथ निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि किसी भी पटल पर कोई भी पत्रावली अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास की योजनाओं की जानकारी गांव-गांव, घर-घर पहुंचाई जाए और अधिक से अधिक पात्र लोगों को शीघ्र से शीघ्र योजनाओं से लाभान्वित कराया जाए। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में भी चर्चा की। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग व ग्राम्य विकास विभाग के विभिन्न अनुभागों में जा करके उन्होंने व्यवस्थाएं देखी। सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने तथा अभिलेखों के विधिवत रखरखाव करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी कर्मचारी अवकाश पर जाता है, तो उसका अंकन उपस्थिति पंजिका पर अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सरकार द्वारा लंच के लिए आधे घंटे का समय निर्धारित किया गया है। समय की बर्बादी किसी भी कीमत पर नहीं होनी चाहिए। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में उन्होंने नियोजन अनुभाग, बजट अनुभाग, स्थापना अनुभाग आदि के रजिस्टर देखें और अनुभागों में जाकर भी उन्होंने स्थितियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जो निर्देश जारी किए जाते हैं, उनका क्रियान्वयन पूरी गतिशीलता के साथ किया जाना सुनिश्चित किया जाए। कहा कि 100 दिन की कार्ययोजना में जो कार्य नियत किए गए हैं, उनका भी अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। ग्राम विकास विभाग के निरीक्षण में उन्होंने विभिन्न अनुभागो का निरीक्षण करते हुए कहा कि गांव के अंतिम व्यक्ति को समस्त योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारी, कर्मचारी पूरी तत्परता से काम करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही या हीलाहवाली किसी भी दशा में क्षम्य नहीं होगी।

बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार हेतु आगामी मई एवं जून में 3 दिवसीय सिम्पोजियम का होगा आयोजन

बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से उ0प्र0 में बौद्ध धर्म से जुड़े स्थल श्रावस्ती एवं सारनाथ में बौद्ध भिक्षुओं एवं बौद्ध विद्वानों को एकत्रित कर विश्व शान्ति में बुद्धिज्म के योगदान विषय पर आगामी मई एवं जून, 2022 में बड़े पैमाने पर तीन दिवसीय सिम्पोजियम का आयोजन किया जायेगा। यह जानकारी प्रदेश के कैबिनेट मंत्री पर्यटन एवं संस्कृति जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि यह आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान संस्कृति विभाग उ0प्र0 द्वारा किया जायेगा। इसके लिए 50 लाख रूपए की धनराशि की व्यवस्था की गयी है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि बौद्ध धर्म एवं संस्कृति को जनमानस में प्रचार-प्रसार का मुख्य उद्देश्य बौद्ध धर्म में निहित मानवीय मूल्यों का आंकलन करना जो मानव संस्कृति एवं सभ्यता के विकास का आधार बन सके। इसके लिए बौद्ध दृष्टि के उदार तत्वों से प्रेरणा प्राप्त की जायेगी। बौद्ध धर्म शांति, करूणा एवं दया जैसे विचारों से परिपूर्ण है। आज विश्व को शांति की आवश्कता है। शांति के बिना मानवता का कल्याण संभव नहीं है। इसलिए बौद्ध धर्म के मूल उद्देश्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने की रणनीति तैयार की गयी है।

प्रवर्तन यात्रा का आयोजन किया जायेगा

उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा जैन धर्म एवं संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने एवं व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु आगामी मई एवं जून में जैन विद्वानों एवं मुनियों को एकत्रित कर जैन धर्म के 06 तीर्थंकरों यथा ऋशभदेव, अजितनाथ, अभिनन्दननाथ, सुमितनाथ, अनन्तनाथ एवं धर्मनाथ की पुण्यस्थली अयोध्या/रत्नपुरी में प्रवर्तन यात्रा का आयोजन किये जाने का प्रस्ताव है। इस हेतु 35 लाख रूपए की धनराशि व्यवस्था की गयी है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि आम जनमानस में छोटी-छोटी बातों से उत्पन्न परस्पर वैमनस्यता को समाप्त करने की दिशा में जैन धर्म एवं संस्कृति की अत्यन्त भूमिका है इसके अलावा जैन विचारधारा के विविध आयामों से आम जनता को परिचित कराना है। जयवीर सिंह ने बताया कि जैन धर्म संस्कृति विरोधी विचारधाराओं को समाहित कर समाज हित में ढालने की शक्ति निहित है। इस उद्देश्य से संस्थान अनेक प्रवर्तन यात्रा सभी तीर्थ क्षेत्रों से निकाली जायेगी। आमंत्रित विद्वानों द्वारा विभिन्न सामाजिक महत्व के विषयों पर जन मानस को सजग एवं जागरूक किया जायेगा।

गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं में कुल 455.11 लाख टैगिंग का कार्य किया गया

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को संरक्षित किए जाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को सुरक्षा प्रदान कर संरक्षित किए जाने के साथ ही गोवंश की पहचान हेतु यू0आई0डी0 ईयर टैग लगाए जाने की अनिवार्यता के निर्देश पर ईयर टैगिंग का कार्य पशुधन विभाग द्वारा किया जा रहा है। गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं में कुल 455.11 लाख टैगिंग का कार्य किया गया है। पशुपालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ईयर टैग के द्वारा पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान कार्य की चरणबद्ध प्रगति आनलाइन अपडेट करने, उनकी नस्ल सुधारने, बीमारियों का पता लगाने, टीकाकरण व चिकित्सा आदि का लाभ सीधे पशुपालकों को मिल रहा है। यह यू0आई0डी0 ईयर टैग पशुओं के लिए आधार कार्ड की तरह है क्योंकि जिस पशु में यह लगाया जाता है, उसका विवरण जैसे मालिक की पहचान, नस्ल तथा वर्तमान स्थिति की सारी जानकारी इनाफ पोर्टल पर आनलाइन अपलोड की जाती है।एक बार सूचना इनाफ पोर्टल पर अपलोड करने के उपरान्त इयर टैग का नंबर फीड करने या बारकोड को स्कैन करने पर पशु एवं पशु स्वामी का विवरण स्वतः ऑनलाइन प्रदर्शित होता है। इसके अतिरिक्त ईयर टैग से पशुओं की गणना भी सुनिश्चित हो रही है। जिसके फलस्वरूप सरकार द्वारा उनकी संख्या के अनुसार विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाना सम्भव हो रहा है। ईयर टैग पर 12 अंकों का विशेष नंबर होता है। इस नंबर से संबंधित पशु के बारे में ऑनलाइन जानकारी मिलती रहेगी। पशुओं में ईयर टैग होने से पशुबीमा, ऑनलाइन खरीद बिक्री सहित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आच्छादित किए जाने में सुगमता होगी। इयर टैग के साथ ही पशुओं का स्वास्थ्य कार्ड भी दिया जा रहा है जिसमें समस्त सूचनाए अंकित की जा रही हैं। इसके अलावा समय-समय पर कृमिनाशक दवाओं तथा दुग्ध उत्पादन का डाटा संकलित करने तथा उत्तम पशुओं के चिन्हिकरण में सहायता हो रही है। ईयर टैगिंग से पशुओं के खरीद बिक्री में भी पारदर्शिता आएगी। अब पशुपालक निर्धारित मानकों के अनुसार ही खरीद बिक्री कर सकेंगे। इससे पशु तस्करी पर भी रोक लगेगी। पशुओं का ईयर/आधार टैग लगे होने से पशुपालक पशुपालन से सम्बन्धित विभिन्न लाभकारी सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ लेने में सुविधा हो रही है।

अप्रेंटसशिप मेला प्रत्येक जनपद के नोडल आईटीआई में 21 अप्रैल 2022 को होगा आयोजित

उद्योगो एवं अधिष्ठानों तथा एमएसएमई के प्रोत्साहन हेतु भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 से राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना एनएपीएस तथा प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना सीएमएपीएस को प्रारम्भ किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा अप्रेंटसशिप करिए आत्मनिर्भर बनिए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम, उद्यम द्वारा अप्रेटसशिप मेले का आयोजन किया जा रहा है। उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि यह अप्रेंटसशिप मेला प्रत्येक जनपद के नोडल आईटीआई में आयोजित किया जायेगा। अप्रेंटसशिप मेला 21 अप्रैल 2022 को प्रत्येक जनपद के नोडल आईटीआई में प्रातः 10.30 बजे से आयोजित होगा। इस अप्रेंटसशिप मेले मे प्रतिभाग करने की न्यूनतम योग्यता 5वीं उत्तीर्ण तथा न्यूनतम आयु 14 वर्ष है। इस मेले में पूर्व प्रशिक्षण या अनुभव आवश्यक नही है। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने अप्रेंटिस करने के लाभ की जानकारी देते हुए बताया कि कि अप्रेंटिस को उद्योगों मे रोजगार एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण गढ़ने, अप्रेंटिशिप के दौरान ही वातावरण अनुकूलन, रोजगारपरक स्किल को सीखने व गढ़ने का अवसर, अप्रेंटसशिप के दौरान अर्जित कौशल से ज्ञान व आत्मविश्वास में वृद्धि तथा सम्बन्धित उद्योग/अधिष्ठान मे अप्रेंटिसशिप के पश्चात रोजगार की बेहतर संभावनाये होती है। इसके साथ-साथ अप्रेंटसशिप ट्रेनिंग के दौरान प्रति माह कम से कम 7000 रूपये का भुगतान किया जाता है। कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने अप्रेंटिसशिप से उद्योगों को लाभ की जानकारी देते हुए बताया कि अप्रेंटिसशिप से उद्योगों को अपने उद्योग/अधिष्ठान की आवश्यकता के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित करने का अवसर, अप्रेंटिसशिप के माध्यम से उत्पादन क्षमता में वृद्धि, अत्यंत ही कम व्यय पर कुशल जनशक्ति की उपलब्धता, अप्रेटिस को देय धनराशि के सापेक्ष अधिकतम 2500 रूपये प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति, अप्रेटिस को किया जाने वाला भुगतान ईपीएफ व ईएसआई के प्राविधानों से अच्छादित नही तथा अप्रेटिसशिप का समसत् व्यय सीएसआर के अन्तर्गत सम्मिलित किया जा सकता है। व्यावसायिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने इस अप्रेंटसशिप मेले के प्रमुख ट्रेड्स व सेक्टर की जानकारी देते हुए बताया कि इस अप्रेटसशिप मेले में प्रमुख ट्रेड्स व सेक्टर में फिटर, इलेक्ट्रीशियन, मशीनिस्ट, वेल्डर, मेसन, इलेक्ट्रानिक्स, रेफ्रिजरेशन व ए.सी. टेक्नीशियन, आटोमोबाइल टेक्नीशियन, कंप्यूटर व डाटा एंट्री ऑपरेटर, ट्रैवल व टूरिज्म ऑपरेटर, हॉस्पिटेलिटी सेक्टर्स है। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन पंजीकरण की सुविधा उद्योगों और लाभार्थी दोनो के लिए है।

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