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तमिलनाडु में कोरोना वायरस के 1,714 नए मामले, 18 और मरीजों की मौत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 19, 2020 12:01
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राज्य में अब तक सामने आए 7.63 लाख मामलों मेंराजधानी के कुल 2,10,135 मामले शामिल हैं। बुलेटिन में बताया गया है कि 2,311 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई है। इसके बाद संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या 7,37,281 हो गई है।
चेन्नई। तमिलनाडु में बुधवार को कोरोना वायरस के 1,714 नए मरीज सामने आए जबकि 18 और संक्रमितों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में संक्रमण के कुल मामले 7,63,282 हो गए हैं जबकि मृतक संख्या 11,531 पर पहुंच गई है। बुलेटिन के मुताबिक, चेन्नई में 479, चेंगलपेट में 129 और तिरुवल्लूर में 112 नए मरीज सामने आए।
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राज्य में अब तक सामने आए 7.63 लाख मामलों मेंराजधानी के कुल 2,10,135 मामले शामिल हैं। बुलेटिन में बताया गया है कि 2,311 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई है। इसके बाद संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या 7,37,281 हो गई है। वहीं राज्य में 14,470 लोग संक्रमण का उपचार करा रहे हैं।
संविधान को जानें: संघ और राज्यों के बीच संबंधों को इन अनुच्छेदों में दर्शाया गया है
- अनुराग गुप्ता
- जनवरी 22, 2021 14:03
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संघ और राज्यों के बीच विधायी संबंधों का उल्लेख संविधान के भाग-11 के अध्याय 1 में अनुच्छेद 245 से लेकर 254 तक में किया गया है। अनुच्छेद 245 के मुताबिक संसद भारत के सम्पूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए कानून बना सकती है।
नयी दिल्ली। विश्व के सबसे बड़े संविधान यानी की भारतीय संविधान की नई सीरीज संविधान को जानें में आज हम संघ और राज्यों के बीच संबंध की बात करेंगे। संविधान के अंतर्गत संघ और राज्यों के बीच तीन प्रकार के संबंधों की व्यवस्था की गई है। जिन्हें हम विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय के तौर पर जानते हैं।
विधायी संबंध
संघ और राज्यों के बीच विधायी संबंधों का उल्लेख संविधान के भाग-11 के अध्याय 1 में अनुच्छेद 245 से लेकर 254 तक में किया गया है। अनुच्छेद 245 के मुताबिक संसद भारत के सम्पूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए कानून बना सकती है और किसी राज्य का विधानमंडल सम्पूर्ण राज्य या उसके एक भाग के लिए कानून बना सकता है।
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केंद्र और राज्य सरकारों के बीच में विधायी शक्तियों के विभाजन के संबंध में सातवीं अनुसूची के अनुच्छेद 246 के अंतर्गत संविधान में तीन सूचियां अंकित की गई हैं- संघ-सूची, राज्य-सूची और समवर्ती-सूची।
- संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व वाले 97 विषय हैं।
- राज्य सूची में राज्यीय महत्व वाले 66 विषय हैं।
- समवर्ती-सूची में 47 ऐसे विषय हैं जिन पर संसद एवं राज्यों के विधानमंडल दोनों ही कानून बना सकते हैं।
प्रशासनिक संबंध
संघ और राज्यों के बीच विधायी संबंधों का उल्लेख संविधान के भाग-11 के अध्याय 2 में अनुच्छेद 256 से लेकर 263 तक में किया गया है। इनमें संघ एवं राज्य सरकारों के बीच में प्रशासनिक शक्तियों का विभाजन किया गया है लेकिन शक्तियों के मामले में संघ ज्यादा ताकतवर होता है।
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अनुच्छेद 263 के मुताबिक, संविधान ने राष्ट्रपति को अंतर्राज्यिक परिषद की स्थापना करने का अधिकार प्रदान किया है। इन परिषदों का उद्देश्य यह है कि वह राज्यों के आपसी विवादों और राज्यों के या संघ एवं राज्यों के सामान्य हित के आपसी मामलों के बारे में जांच करें, सलाह दें और सिफारिशें करें।
वित्तीय संबंध
संघ और राज्यों के बीच वित्तीय संबंध का उल्लेख संविधान के भाग-12 के अध्याय 1 में मिलता है। वित्तीय क्षेत्र में भी संघ और राज्यों के बीच विभाजन किया गया है। जो 1935 के अधिनियम पर आधारित है। बता दें कि वित्तीय दृष्टि से संघ ज्यादा सशक्त है लेकिन राज्यों के भी अपने संशाधन होते हैं। कुछ करों को राज्य सरकारों को ही सौंपा गया है। वह अपने द्वारा लगाए गए करों को खुद ही वसूलती हैं और राज्य की आवश्कतानुसार उस धन का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि संघ द्वारा लगाए गए सभी करों को संघ सरकार न तो एकत्रित कर सकती है और न ही उनका स्वयं ही व्यय करती है। संविधान के अनुच्छेद 265 के मुताबिक, विधि के अधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना- कोई कर विधि के प्राधिकार से ही अधिरोपित या संग्रहित किया जाएगा, अन्यथा नहीं। आपको बता दें कि भारतीय संविधान में 'केंद्र' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
काशी में कोरोना टीकाकरण के लाभार्थियों से PM मोदी ने की बात, कहा- देश में चल रहा सबसे बड़ा अभियान
- अंकित सिंह
- जनवरी 22, 2021 13:48
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मोदी ने कहा कि पहले चरण में, वाराणसी में 15 टीकाकरण केंद्रों पर 20,000 से अधिक स्वास्थ्य पेशेवरों का टीकाकरण किया जाएगा। मैं सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को इसके लिए बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में कोविड-19 का टीका लगवाने वाले लाभान्वितों तथा टीका लगाने वालों से आज बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2021 की शुरुआत बहुत ही शुभ संकल्पों से हुई है। काशी के बारे में कहते हैं कि यहां शुभता सिद्धि में बदल जाती है। इसी सिद्धि का परिणाम है कि आज विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान हमारे देश में चल रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी वैक्सीन को बनाने के पीछे हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत होती है, इसमें वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है। वैक्सीन के बारे में निर्णय करना राजनीतिक नहीं होता, हमने तय किया था कि जैसा वैज्ञानिक कहेंगे, वैसे ही हम करेंगे।
मोदी ने कहा कि पहले चरण में, वाराणसी में 15 टीकाकरण केंद्रों पर 20,000 से अधिक स्वास्थ्य पेशेवरों का टीकाकरण किया जाएगा। मैं सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को इसके लिए बधाई देता हूं। दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम हमारे देश में चल रहा है। आज, राष्ट्र के पास अपना स्वयं का टीका बनाने की इच्छाशक्ति है - एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया टीके हैं। देश के हर कोने में टीके पहुंच रहे हैं। भारत इस संबंध में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैThe biggest vaccination program in the world is going on in our country. Today, the nation has willpower to manufacture its own vaccine - not one but two Made in India vaccines. Vaccines are reaching every corner of the country. India is absolutely self-reliant in this regard: PM https://t.co/CzLcLcei8C pic.twitter.com/o1urvN8J67
— ANI (@ANI) January 22, 2021
ममता बनर्जी को बड़ा झटका, वन मंत्री राजीब बनर्जी ने दिया इस्तीफा
- अंकित सिंह
- जनवरी 22, 2021 13:31
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अपने इस्तीफा पत्र में राजीब बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करना बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात है। इस अवसर को पाने के लिए मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तगड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल के वन मंत्री राजीब बनर्जी ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, शुभेंदु अधिकारी के बाद राजीब बनर्जी का इस्तीफा ममता और तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनाव से पहले बड़ा झटका माना जा रहा है। अपने इस्तीफा पत्र में राजीब बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करना बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात है। इस अवसर को पाने के लिए मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
आपको बता दें कि पिछले दिनों से लगातार तृणमूल कांग्रेस के विधायक पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। पिछले दिनों लगभग 17 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया जिनमें से 16 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। राजीव बनर्जी के इस्तीफे के बाद एक बार फिर से उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चा गर्म हो गई है।West Bengal Forest Minister Rajib Banerjee resigns from his office as Cabinet Minister.
His resignation letter reads, "It has been a great honour and privilege to serve the people of West Bengal. I heartily convey my gratitude for getting this opportunity." pic.twitter.com/EEXl8yzsM0— ANI (@ANI) January 22, 2021

