उत्तर प्रदेश में कोरोना से 23 और लोगों की मौत, संक्रमण के 604 नए मामले
प्रसाद ने बताया कि सरकारी और निजी अस्पतालों में अग्रिम पंक्ति के कर्मियों की भी जांच कराई गई है। इसमें उन लोगों को चुना गया, जिनका जनता से अधिक मिलना-जुलना होता है। इसमें पंजीकरण डेस्क पर बैठने वाला क्लर्क, सुरक्षा गार्ड और ओपीडी में बैठने वाले चिकित्सक शामिल हैं।
स्वास्थ्यकर्मियों की भी जांच की जाती है। निषिद्ध क्षेत्रों की प्रक्रिया से संबंधित आशा कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न लोगों की भी जांच की जाती है। प्रसाद ने कहा कि कुछ जांच इससे अलग भी शुरू की गई हैं। जिन 18 जिलों में बहुत ज्यादा संख्या में प्रवासी कामगार लौटे थे, वहां चार-चार गांव ऐसे चुने गए जिनमें 100 या उससे अधिक प्रवासी कामगार लौटे थे। उनके लौटने के 15 दिन बाद क्रमरहित जांच कराई गई थी। इसका मकसद यह देखना था कि कहीं प्रवासी कामगारों के कारण गांव के अन्य लोगों को संक्रमण तो नहीं हो रहा है।अपर मुख्य सचिव ने बताया कि हालांकि ऐसी जांच में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया। इसका मतलब है कि ग्राम निगरानी समितियों ने अच्छा काम किया और प्रवासी श्रमिक भी अपने उत्तरदायित्व का भलीभांति पालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ अन्य क्रमरहित जांच भी शुरू की गई हैं। प्रदेश के सभी जनपदों के वृद्धाश्रमों, राजकीय बाल गृह और नारी निकेतनों से नमूने एकत्र किए गए हैं। इनमें कुछ जगहों पर संक्रमण मिला। कानपुर नगर के राजकीय बालगृह और नारी निकेतन में संक्रमण मिला।कल प्रदेश में 16546 सैंपलों की टेस्टिंग की गई थी। अब तक प्रदेश में 5लाख 15हज़ार 280 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, यूपी https://t.co/wYvMeJYFyV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2020
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इसके बाद वहां रहने वाले और लोगों के नमूने लिए गए जिसमें कुल 32 लोग संक्रमित मिले। प्रसाद ने बताया कि सरकारी और निजी अस्पतालों में अग्रिम पंक्ति के कर्मियों की भी जांच कराई गई है। इसमें उन लोगों को चुना गया, जिनका जनता से अधिक मिलना-जुलना होता है। इसमें पंजीकरण डेस्क पर बैठने वाला क्लर्क, सुरक्षा गार्ड और ओपीडी में बैठने वाले चिकित्सक शामिल हैं। क्रमरहित जांच पूरे प्रदेश में की गयी है। उन्होंने बताया कि इस तरह की जांच के अगले चरण में ऑटो चालकों, ट्रक चालकों, ढाबा कर्मियों को शामिल किया जाएगा। होम डिलीवरी से जुड़े लोगों, फल—सब्जी विक्रेता, दवाई की दुकानों में काम करने वाले लोगों आदि के नमूनों की भी चरणबद्ध रूप से क्रमरहित जांच कराई जा रही है।
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