राज्यसभा का 250वां सत्र रहा ऐतिहासिक, शत प्रतिशत हुआ कामकाज
राज्यसभा का 250वां सत्र अनिश्चितकाल के लिये स्थगित हो गया। लगातार ऐसा दूसरी बार हुआ है जब सदन में शतप्रतिशत कामकाज दर्ज किया गया। राष्ट्रगीत की धुन बजाने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया गया। इससे पहले सभापति एम वेंकैया नायडू ने अपने पारंपरिक भाषण में सत्र के दौरान हुये कामकाज को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया।
नयी दिल्ली। राज्यसभा का 250वां सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित हो गया और इस दौरान नागरिकता संशोधन विधेयक, एससी एसटी आरक्षण को दस साल आगे बढ़ाने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक और ट्रांसजेंडर विधेयक सहित 15 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गये तथा सत्र के दौरान शत प्रतिशत कामकाज हुआ। राज्यसभा में लगातार ऐसा दूसरी बार हुआ है जब सदन में शतप्रतिशत कामकाज दर्ज किया गया।
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राष्ट्रगीत की धुन बजाने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने की घोषणा से पहले सभापति एम वेंकैया नायडू ने अपने पारंपरिक भाषण में सत्र के दौरान हुये कामकाज और लोकमहत्व के विषयों पर की गयी चर्चाओं पर संतोष जताते हुये इसे ‘ऐतिहासिक’ करार दिया।
अठारह नवंबर से शुरु हुये इस सत्र में कुल 20 बैठकें हुयीं। इस दौरान सदन में 108 घंटे 33 मिनट तक निर्धारित कामकाज होना था। विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के चलते सदन के कामकाज में 11 घंटे 47 मिनट का नुकसान हुआ। किंतु सदस्यों ने 10 घंटे 52 मिनट अधिक काम करके सदन की उत्पादकता को 100 प्रतिशत पर ला दिया।
सत्र के दौरान कुल 15 विधेयक पारित किये गये या विचार कर लौटाये गये। इनमें ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक शामिल है जो इस तरह के व्यक्तियों के हितों के लिये लाया गया अपनी तरह का पहला विधेयक है। इस दौरान नागरिकता (संशोधन) विधेयक तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति आरक्षण को दस साल बढ़ाने संबंधी संविधान (126वां) संशोधन विधेयकों पर सदन में लंबी चर्चा हुई, जिसके बाद उन्हें पारित किया गया।
चर्चा के दौरान इनपर विपक्ष एवं सत्तापक्ष के लोगों ने खुलकर अपने विचार रखे। इस दौरान ई सिगरेट पर रोक लगाने संबंधी विधेयक, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र संबंधी विधेयक सहित विभिन्न विधेयकों पर चर्चा हुयी। साथ ही उच्च सदन में लंबे अंतराल के बाद अनुदान की अनुपूरक मांगों को चर्चा के बाद लोकसभा को लौटाया गया। सत्र के दौरान सदस्यों ने दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव तथा शून्यकाल में एवं विशेष उल्लेख के जरिये लोकमहत्व के विभिन्न मुद्दे उठाये।
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यह सत्र प्रश्नकाल के लिहाज से भी 1971 के बाद पिछले 49 सालों में सबसे बेहतरीन रहा। इस दौरान कुल 255 मौखिक सवालों में से 171 का जवाब दिया गया जो कुल सवालों का 67 प्रतिशत है। इस प्रकार सत्र के दौरान प्रतिदिन 9.5 मौखिक सवालों का जवाब दिया गया। सभापति ने राज्यसभा के 250वें सत्र को ऐतिहासिक सत्र करार देते हुये कहा कि इसकी ‘गंभीरता एवं संक्षिप्तता’ महत्वपूर्ण रही।
Valedictory Speech by Rajya Sabha Chairman @MVenkaiahNaidu. #250thRSsession @VPSecretariat https://t.co/UqXDRKdwkJ
— Rajya Sabha TV (@rajyasabhatv) December 13, 2019
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