बैलगाड़ी में सवार होकर भात भरने बहन के ससुराल पहुंचे 6 भाई, पुराने रीति-रिवाज को रखा बरकरार

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निधि अविनाश । Apr 20 2022 2:38PM

कीमती कारों और लग्जरी कारों में न आकर भाई ने बैलगाड़ी में सवार होकर अपनी बहन के घर जाने का सोचा। गांव में भातियों को देखकर लोगों ने इसकी वीडियो और कई तस्वीरें भी खींचे। नाचते-गाते बहन के घर पहुंचने पर गांव वालों को अपने जमाने की याद आ गई।

राजस्थान के भीलवाड़ा में एक भाई अपनी बहन के ससुराल भात करने के लिए बैलगाड़ी से पहुंचा। इसकी एक तस्वीर भी सामने आई है जहां गांव वाले भाइयों का जगह-जगह स्वागत करते हुए नजर आ रहे है। लोगों के मुताबिक, 21वीं सदी में भी पुराने जामने के रीति-रिवाज को कायम रखा है। कीमती कारों और लग्जरी कारों में न आकर भाई ने बैलगाड़ी में सवार होकर अपनी बहन के घर जाने का सोचा। गांव में भातियों को देखकर लोगों ने इसकी वीडियो और कई तस्वीरें भी खींचे। नाचते-गाते बहन के घर पहुंचने पर गांव वालों को अपने जमाने की याद आ गई और बड़े बुजुर्गों ने युवाओं को अपने रीति-रिवाज के बारे में जानकारी भी दी। जब भाई अपनी बहन के ससुराल पहुंचे तो ससुरालवालों ने जमकर स्वागत किया।

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लोकेश वैष्णव रायला का रहने वाला है और 6 मामा केदार, मुकेश, त्रिलोचन, विनीत, राजू और सत्यनारायण वैष्णव अपनी बहन के ससुराल सजी-धजी 7 बैल गाड़ियों से ससुराल पहुंचे। भात करने आए स्कूल अध्यापक सोनू वैष्णव ने कहा कि गांव से 10 किमी दूर रायला बहन के ससुराल हम बैलगाड़ियों से आए हैं। ऐसा कर हम लोग पेट्रोल और डीजल बचा रहे है और साथ ही पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश भी दे रहे हैं।बैलगाड़ी से पुराने रीति-रिवाज और संस्कृति जीवित रहेगी। बेटे की इस आइडियो का उनके पिता ईश्वर लाल ने स्वागत किया और कहा कि बढ़ती महंगाई और प्रदूषण रोकने के लिए बैलगाड़ी से भात भरने का आइडिया काफी अच्छा है, इससे न केवल पुराने रीति-रिवाज बल्कि हमारी संस्कृति भी जीवित रहेगी।

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