‘दिल्ली के मुसलमानों के लिए चिंता की बात’, BJP की जीत पर कांग्रेस नेता का अजीबोगरीब बयान

rashid alvi
ANI
अंकित सिंह । Feb 10 2025 6:30PM

कांग्रेस ने निराशाजनक प्रदर्शन किया और चुनावों में कोई महत्वपूर्ण प्रभाव डालने में असफल रही। अल्वी ने कहा कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर दिल्ली चुनाव लड़ा होता तो बीजेपी को जीत नहीं मिलती।

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने दिल्ली चुनाव में भाजपा की जीत पर अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम राष्ट्रीय राजधानी में मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। गौरतलब है कि करीब 27 साल बाद बीजेपी ने दिल्ली में जीत हासिल की है। इस बीच, कांग्रेस ने निराशाजनक प्रदर्शन किया और चुनावों में कोई महत्वपूर्ण प्रभाव डालने में असफल रही। अल्वी ने कहा कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर दिल्ली चुनाव लड़ा होता तो बीजेपी को जीत नहीं मिलती।

इसे भी पढ़ें: आखिर दिल्ली में क्यों ढ़हा ‘आप’ का किला?

अल्वी ने कहा कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर दिल्ली चुनाव लड़ते तो बीजेपी जीत नहीं पाती। कांग्रेस आलाकमान को तय करना है कि हमें अपने सहयोगियों के साथ जाना है या अकेले चुनाव लड़ना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो हुआ वह दिल्ली के मुसलमानों के लिए चिंता का विषय है। दिल्ली के इस चुनाव ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बीजेपी हमारी (कांग्रेस) वजह से चुनाव जीती है। अगर हमें बीजेपी को हराना है तो हमें गठबंधन में शामिल सभी दलों का सम्मान करना होगा और गठबंधन को मजबूत करना होगा और एकजुट होकर चुनाव लड़ना होगा। 

भाजपा ने शनिवार को 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की। 5 फरवरी को हुए चुनाव में AAP ने 22 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली। पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद अगले हफ्ते बीजेपी सत्ता पर दावा पेश कर सकती है। पिछले 10 वर्षों में दिल्ली में भाजपा का वोट शेयर लगभग 13 प्रतिशत अंक बढ़ा है, जबकि इसी अवधि के दौरान AAP का वोट शेयर लगभग 10 प्रतिशत अंक कम हुआ है। 

इसे भी पढ़ें: 'जाने वाली है भगवंत मान की सरकार, पंजाब में होंगे मिड टर्म चुनाव', कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का दावा

दिल्ली में बेहद कड़े मुकाबले वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी और आप के वोट शेयर के बीच केवल दो फीसदी का अंतर था। भगवा पार्टी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता हासिल की है और आप को 22 सीटों पर सीमित कर दिया है। AAP ने 2020 के चुनावों में 53.57 प्रतिशत से कम, 43.57 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। 2015 के विधानसभा चुनाव में उसे 54.5 फीसदी वोट मिले थे। 

All the updates here:

अन्य न्यूज़