लाभ के पद का मामला: आप विधायकों की मांग, जिरह की अनुमति दी जाए

AAP MLA demands discussion in Case of office of profit case
[email protected] । May 17 2018 8:13PM

चुनाव आयोग ने इस मामले में सुनवाई इसलिए फिर बहाल की क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित लाभ के पद के चलते विधायकों को अयोग्य ठहराने के आदेश को खारिज कर दिया था।

नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता सुनवाई को आज फिर बहाल कर दिया। इन विधायकों ने मांग की कि उन्हें दिल्ली सरकार एवं राज्य विधानसभा के अधिकारियों से जिरह की अनुमति दी जाए ताकि वह यह सिद्ध कर सकें कि संसदीय सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति लाभ के पद के दायरे में नहीं आती। चुनाव आयोग ने इस मामले में सुनवाई इसलिए फिर बहाल की क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित लाभ के पद के चलते विधायकों को अयोग्य ठहराने के आदेश को खारिज कर दिया था। 

उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से इस मामले में नये सिरे से सुनवाई करने को कहा था। विधायकों ने आयोग के समक्ष दाखिल अर्जी में कहा कि वे दिल्ली विधानसभा के सचिव तथा दिल्ली सरकार के कानून एवं लेखा विभाग के अधिकारियों से जिरह करना चाहते हैं। इस जिरह के जरिये वह इस बात की पुष्टि करना चाहते हैं कि क्या उन्होंने अपने काम के जरिये कोई ‘लाभ’ अर्जित किया, सरकारी कार का इस्तेमाल किया और अपने दायित्वों को निभाते हुए कार्यालय स्थल का उपयोग किया? 

उन्होंने शिकायतकर्ता प्रशांत पटेल से भी जिरह करने की मांग की। अधिकारियों ने लाभ के पद के मुद्दे पर चुनाव आयोग के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए हैं। पटेल ने बाद में कहा, ‘‘मैंने अनुरोध का विरोध किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि सुनवाई पूरी तरह से लाभ के पद के मुद्दे पर होनी चाहिए। यह दिवानी अदालत नहीं है जहां जिरह हो।’’ उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग भी जिरह के पक्ष में नहीं है। दलील 21 मई को जारी रहेगी। 

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