पंजाब चुनाव से AAP का बढ़ेगा आत्मविश्वास, कांग्रेस को विपक्ष की कुर्सी से हटाकर केजरीवाल खुद को बनाएंगे चेहरा

Arvind Kejriwal
प्रतिरूप फोटो

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपने संबोधन में इसका उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली में इंकलाब हुआ, आज पंजाब में इंकलाब हुआ और अब पूरे देश में इंकलाब होगा। हालांकि इस पर त्वरित प्रतिक्रिया देना सही नहीं होगा। क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की।

नयी दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंका देने वाले साबित हुए हैं। एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की जीत का अनुमान तो था लेकिन इतनी बड़ी जीत मिलेगी, इसका अंदेशा नहीं लगाया गया था। पार्टी ने 117 सीटों में से 92 सीटों पर कब्जा कर लिया है और इसी के साथ ही आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है और तो और राघव चड्ढा जैसे दिग्गज नेताओं का मानना है कि आम आदमी पार्टी जल्द ही कांग्रेस को रिप्लेश करके विपक्ष की भूमिका में आ जाएगी। 

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपने संबोधन में इसका उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली में इंकलाब हुआ, आज पंजाब में इंकलाब हुआ और अब पूरे देश में इंकलाब होगा। हालांकि इस पर त्वरित प्रतिक्रिया देना सही नहीं होगा। क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की और फिर ममता दीदी खुद को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करने की कोशिशों में जुट गईं। दिल्ली और मुंबई का दौरा भी किया लेकिन फिर कुछ शुस्त पड़ गई। हालांकि शिवसेना ने यह स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस के बिना तीसरा मोर्चा बनाना सही नहीं।

इसके बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने की बात करने लगे। उन्होंने ने भी मुंबई और दिल्ली का दौरा किया और तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश की। इस तरह की कई राजनीतिक छलकियां दिखाई दीं, जिसमें कद्दावर नेताओं ने एक अलग मोर्चा बनाने का प्रयास किया। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास सबसे बड़ा फायदा दिल्ली में होने का है। जहां दूसरे नेताओं को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी हलचल पैदा करने के लिए दिल्ली का दौरा करना पड़ता है। वहीं केजरीवाल की दिल्ली में सरकार है और वह इसके माध्यम से केंद्र से सीधी टक्कर लेते रहते हैं।

रुकने वाली नहीं है AAP

पंजाब में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद अब आम आदमी पार्टी साल के अंत में गुजरात और हिमाचल में अपनी दस्तक देने की योजना बना रही है। इसके बाद साल 2023 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जहां पर पार्टी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराकर कांग्रेस की पकड़ को कमजोर करने की कोशिश करेगी। आम आदमी पार्टी को लगता है कि वो राष्ट्रीय स्तर पर ग्रैंड ओल्ड पार्टी का बेहतर विकल्प है और अपने इसी लक्ष्य के साथ वो कांग्रेस के मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने की कोशिशों में जुट जाएगी। 

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2024 में दर्शा सकती है अपनी मजबूती

विधानसभा चुनाव के माध्यम से लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी को टक्कर लेने की मन:स्थिति के साथ पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी। ताकि कांग्रेस से ज्यादा सीटें हासिल करके खुद को विपक्षी भूमिका में ला सकें।

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