सैन्य उपयोग की आधुनिक प्रौद्योगिकियों तक राज्येतर तत्वों की पहुंच बढ़ रही है : जनरल पांडे

General Manoj Pandey
प्रतिरूप फोटो
ANI

एनडीटीवी डिफेंस समिट में अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा, “उपरोक्त हालात के बीच, अस्थिर सीमाओं की विरासती चुनौतियां बरकरार हैं। संघर्ष के क्षेत्र में नए खतरों ने जटिलताएं बढ़ा दी हैं।”

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्येतर तत्व सैन्य उपयोग की आधुनिक तकनीकों तक “तेजी से पहुंच बना रहे हैं”। यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि जटिल सैन्य परिदृश्य के बीच, भारत का विकास जारी है।

सरकार या औपचारिक तंत्र के अलावा काम करने वाले पक्षों को राज्येतर कहा जाता है।। जनरल पांडे ने कहा, “आज उभरती प्रौद्योगिकियां महाशक्ति-केंद्रित नहीं रह गयी हैं। राज्येतर तत्व तेजी से सैन्य उपयोग और संघर्ष में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक प्रौद्योगिकियों तक पहुंच बना रहे हैं...।”

उन्होंने एनडीटीवी डिफेंस समिट में अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा, “उपरोक्त हालात के बीच, अस्थिर सीमाओं की विरासती चुनौतियां बरकरार हैं। संघर्ष के क्षेत्र में नए खतरों ने जटिलताएं बढ़ा दी हैं।”

सेना प्रमुख ने कहा, “हमारे विरोधियों द्वारा ‘ग्रे जोन’ की कार्रवाई और आक्रामकता सेना सहित कई क्षेत्रों में , यानी भूमि, वायु और समुद्री क्षेत्र पर प्रकट हो रही है”। उन्होंने कहा, “छद्म युद्ध इस खतरे की एक ऐसा स्वरूप है जिससे हम वर्षों से जूझ रहे हैं।” जनरल पांडे ने कहा कि इन सभी घटनाक्रमों के परिणामस्वरूप, युद्ध का क्षेत्र और अधिक “जटिल, संघर्षपूर्ण व घातक हो गया है तथा भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा”।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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