Aditya Thackeray ने 263 करोड़ रुपये के ‘स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले’ को लेकर बीएमसी से जवाब मांगा

Aditya Thackeray
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ठाकरे ने 26 अप्रैल को लिखे अपने पत्र में आरोप लगने के बाद गठित तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट और वीर जीजामाता प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए सभी बोलीदाताओं के गुणवत्ता परीक्षणों की रिपोर्ट प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पूरी प्रक्रिया बीएमसी के एक विशेष ठेकेदार मित्र के पक्ष में की गई धांधली प्रतीत होती है।

शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आयुक्त और प्रशासक इकबाल सिंह चहल को पत्र लिखकर ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ खरीदने में 263 करोड़ रुपये के संभावित घोटाले पर जवाब मांगा है। ठाकरे ने 26 अप्रैल को लिखे अपने पत्र में आरोप लगने के बाद गठित तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट और वीर जीजामाता प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए सभी बोलीदाताओं के गुणवत्ता परीक्षणों की रिपोर्ट प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पूरी प्रक्रिया बीएमसी के एक विशेष ठेकेदार मित्र के पक्ष में की गई धांधली प्रतीत होती है।

वर्ली से विधायक ठाकरे ने एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, पिछले कुछ महीनों में, बीएमसी की ओर से प्रक्रियाओं और वित्तीय लेन-देन में कई अनियमितताएं सामने आई हैं ... मैं बीएमसी के एक ठेकेदार मित्र और सरकार में बैठे लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए मेरे शहर की सड़कों पर मेरे शहर की मेहनत की कमाई से फर्नीचर खरीदने में हुईं अनियमितता पर और स्पष्टता चाहता हूं।” उन्होंने कहा, “...एक ठेकेदार को ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ के लिए 263 करोड़ रुपये का टेंडर मिला। एक मुंबई वासी होने के नाते मेरे द्वारा पूछे गए कई सवालों का बीएमसी ने उत्तर नहीं दिया है।” पिछले महीने, ठाकरे ने बेंच सहित ‘स्ट्रीट फर्नीचर” खरीदने की मुंबई नगर निकाय की योजना में 263 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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