इंदौर के आंख फुड़वा कांड में 13 दिन बाद FIR, अस्पताल डायरेक्टर सहित सुपरिटेंडेंट को प्रशासन ने माना दोषी
सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे। जिसके 13 दिन बाद अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। यह मामला कलेक्टर द्वारा बनाई गई जांच समिति की रिपोर्ट आने व संभागायुक्त के निर्देश के बाद दर्ज हुआ है।दरअसल इंदौर के इस आई हॉस्पिटल में 5 अगस्त को मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए थे। जिसके बाद 6 अगस्त को चार मरीजों ने आंख में सूजन की शिकायत की थी। इसमें से 2 मरीजों की आंखों की रोशनी नहीं बच सकी। इसके बावजूद 8 अगस्त को कैंप लगाकर 14 व्यक्तियों का ऑपरेशन कर दिया
मध्यप्रदेश के इंदौर में आंखों के ऑपरेशन में लापरवाही के चलते 15 लोगों की आंख की रोशनी जाने के 2 सप्ताह बाद पुलिस ने आई हॉस्पिटल के डायरेक्टर और सुप्रिडेंट पर के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की है एफ आई आर सीएमएचओ डा क्रीम प्रवीण जरिया द्वारा करवाई गई है जिसमें घटना का पूरा जिक्र किया गया है।इंदौर में हुए आंख फोड़वा कांड के बाद कमलनाथ सरकार ने इस पर शक्ति से एक्शन लिया था और कई मरीजों को चेन्नई इलाज के लिए भी भेजा था इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने जमीन पर बैठकर मरीजों से माफी भी मांगी थी।
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सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे। जिसके 13 दिन बाद अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। यह मामला कलेक्टर द्वारा बनाई गई जांच समिति की रिपोर्ट आने व संभागायुक्त के निर्देश के बाद दर्ज हुआ है।दरअसल इंदौर के इस आई हॉस्पिटल में 5 अगस्त को मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए थे। जिसके बाद 6 अगस्त को चार मरीजों ने आंख में सूजन की शिकायत की थी। इसमें से 2 मरीजों की आंखों की रोशनी नहीं बच सकी। इसके बावजूद 8 अगस्त को कैंप लगाकर 14 व्यक्तियों का ऑपरेशन कर दिया गया। जबकि संक्रमण की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को लग चुकी थी। ऑपरेशन थिएटर को संक्रमण मुक्त किए बगैर 8 अगस्त को ऑपरेशन करना आपराधिक लापरवाही के अंतर्गत मानते हुए इंदौर पुलिस ने आई अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सुधीर महाशब्दे और सुप्रिडेंट डॉ. सुहास बांडे के खिलाफ आईपीसी की धारा 336, 337, 338, 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
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