कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपहास

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[email protected] । Jan 16 2019 7:47PM

पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने ट्ववीट करते हुए कहा कि कन्हैया कुमार एवं आठ अन्य के खिलाफ देशद्रोह कानून लगाया जाना अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का उपहास है।

श्रीनगर। पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने बुधवार को कहा कि जेएनयू मामले में कन्हैया कुमार एवं अन्य के खिलाफ देशद्रोह कानून लगाया जाना अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का उपहास है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार एवं नौ अन्य छात्रों के खिलाफ कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने के लिए दिल्ली पुलिस ने सोमवार को उनके विरूद्ध देशद्रोह का आरोप लगाया है।

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फैसल ने ट्वीट किया कि कन्हैया कुमार एवं आठ अन्य के खिलाफ देशद्रोह कानून लगाया जाना अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का उपहास है। भादंसं की धारा 124 समय को देखते हुए बेतुकी हो चुकी है। दुनिया काफी आगे बढ़ गयी है। समय आ गया है जब हमारी सरकार को परिपक्वता दिखानी चाहिए। आरोपियों में सात कश्मीरी शामिल हैं। 1200 पृष्ठों वाले इस आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर चढ़ाये जाने की घटना की याद में जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को हुए कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाये गये। 

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