अयोध्या के बाद अब अखाड़ा में काशी और मथुरा

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[email protected] । Oct 18 2019 4:53PM

मंहत ने मुसलमानों से राष्ट्र हित में काशी और मथुरा पर अपने दावे छोड़ने को कहा।उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को इन दो स्थानों पर भव्य मंदिरों के निर्माण का समर्थन करना चाहिए।

 लखनऊ। भगवान रामजन्म भूमि पर अभी फैसला आया नहीं है और काशी−मथुरा पर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। हिन्दू साधु−संतों की शीर्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अयोध्या मुद्दे का समाधान होने के बाद काशी और मथुरा के मंदिरों की मुक्ति के लिए अभियान तेज करने की घोषणा की है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि मस्जिदों के निर्माण के लिए काशी और मथुरा में मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था, हम इस मुद्दे को उठाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि इन स्थानों पर भव्य मंदिर बनाए जाएं। केंद्र और राज्य में हिंदू सरकारें हैं और इसके लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है। 

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महंत ने साथ ही साथ यह भी दोहराया कि काशी और मथुरा को मुक्त करने की मांग काफी समय से की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि अयोध्या में अदालत का फैसला राम मंदिर के पक्ष में होगा क्योंकि मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के व्यवहार में हताशा साफ तौर पर देखी गई थी। मंहत ने मुसलमानों से राष्ट्र हित में काशी और मथुरा पर अपने दावे छोड़ने को कहा।उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को इन दो स्थानों पर भव्य मंदिरों के निर्माण का समर्थन करना चाहिए।

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आखाड़ा परिषद के महंत का कहना था वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में ज्ञानवापी मस्जिद द्वारा आंशिक रूप से अतिक्रमण किया गया है। इस स्थान पर स्थित मूल काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करके औरंगजेब द्वारा 1669 में मस्जिद का निर्माण किया गया था। हिंदू संगठन लंबे समय से मौजूदा काशी विश्वनाथ मंदिर के भव्य जीर्णोद्धार और मस्जिद के स्थानांतरण के लिए कहते रहे हैं। इसके साथ ही मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही ईदगाह भी लंबे समय से विवाद में है।

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