अफगानिस्तान में तालिबान के वर्चस्व के बाद भारत के लिए पैदा हो सकती हैं कई चुनौतियां

india
अंकित सिंह । Aug 18 2021 3:33PM

भारत के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री लगातार तालिबान के हालात पर नजर रखे हुए हैं। इन सबके बीच हम आपको यह बता रहे हैं कि तालिबान के वर्चस्व के बाद अब भारत पर क्या असर पड़ सकता है।

तालिबान का अफगानिस्तान पर पूरी तरह से कब्जा हो गया है। काबुल के संविधानिक संस्थानों में तालिबान के लड़ाकूओ का कब्जा है। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा के भारत की स्थिति कितनी प्रभावित होगी? क्या अफगानिस्तान में तालिबान की पकड़ भारत के लिए मुसीबत लेकर आएगी? हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि तालिबान के वर्चस्व के बाद भारत की चिंता बढ़ गई है। भारत के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री लगातार तालिबान के हालात पर नजर रखे हुए हैं। इन सबके बीच हम आपको यह बता रहे हैं कि तालिबान के वर्चस्व के बाद अब भारत पर क्या असर पड़ सकता है।

इसे भी पढ़ें: अफगानिस्तान की त्रासदी के लिए अमेरिका नैतिक रूप से जिम्मेदार! कबिलों से काबुल कैसे पहुंचे तालिबानी?

रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत को व्यापार और सुरक्षा के मोर्चे पर चुनौती मिल सकती है। पिछले करीब 20 सालों में भारत ने अफगानिस्तान में करीब 500 इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर पैसे खर्च किए है। अब तालिबान के सत्ता में आने के साथ ही भारत से बन रहे यह प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग सकता है।

इसके अलावा भारत की ओर से चाबहार प्रोजेक्ट को बड़ी उम्मीदों से देखा जा रहा है। चाबहार बंदरगाह भारत को अफगानिस्तान और ईरान के साथ मध्य एशियाई देशों से जोड़ता है। भारत इसके जरिए अफगानिस्तान के साथ ट्रेड का एक नया रास्ता बनाना चाहता था। अब इसको लेकर भारत को झटका लग सकता है।

इसे भी पढ़ें: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, महिलाओं के लिए 20 साल की प्रगति रातों-रात गायब हुई

इसके अलावा भारत को कश्मीर को लेकर भी चिंता हो सकती है। रक्षा विशेषज्ञ इस बात की चिंता लगातार जता रहे हैं कि कश्मीर के सक्रिय आतंकी संगठनों को तालिबानियों से मदद मिल सकती है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जो लगातार भारत में अपने नापाक मिशन को अंजाम देने की कोशिश में रहते है उन्हें अफगानिस्तान में भी ट्रेनिंग दी जा सकती है।

भारत की चिंता अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को लेकर भी है। अफगानिस्तान में हिंदुओं और सिखों की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे है। भारत सरकार ने यह दावा किया है कि वह लगातार सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों से संपर्क में है।

इसे भी पढ़ें: अफगानिस्तान के जलालाबाद में तालिबानियों के बरसाईं गोलियां, तितर-बितर हो गए प्रदर्शनकारी

लेकिन भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती पाक-चीन-तालिबान का गठजोड़ हो सकता है। यह तीनों भारत के सामने नई चुनौती पैदा कर सकते है। भारत और अफगानिस्तान के संबंध अच्छे रहे हैं। लेकिन अब वहां तालिबान के सत्ता में आ जाने के बाद चीन और पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों के जरिए भारत को परेशान कर सकते हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़