योगी के बजट पर बोले अखिलेश, ना तो विकास है और ना ही ''विजन''
उन्होंने कहा कि अब तक जनता के सामने इस सरकार के 60 प्रतिशत बजट आ चुके हैं। सरकार चलाने वाले सन्यासी हैं, योगी हैं, वह कम समझेंगे।
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को पेश बजट को 'सबका साथ, सबका विकास' के नाम पर धोखा करार दिया है। अखिलेश ने प्रदेश विधानसभा में वित्त वर्ष 2019—20 के लिये पेश बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए संवाददाताओं से कहा कि इस बजट में ना तो विकास है और ना ही 'विजन'। और ना ही यह सामाजिक न्याय की तरफ जाता दिख रहा है। यह सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के नाम पर सबको धोखा दे रही है।
UP Budget 2019: Rs 247.60 crore has been allocated for the maintenance of cow -shelters in rural areas and Rs 200 crore allocated for 'Kanha Gaushala and Besahara Pashu Ashram' in urban areas pic.twitter.com/3eC22lnmAP
— ANI UP (@ANINewsUP) February 7, 2019
उन्होंने कहा कि अब तक जनता के सामने इस सरकार के 60 प्रतिशत बजट आ चुके हैं। सरकार चलाने वाले सन्यासी हैं, योगी हैं, वह कम समझेंगे। ‘‘बजट में ना तो राजकोष के लिये और ना ही धर्मकोष के लिये कुछ दिखायी दे रहा है। जैसी जिसकी समझ, वैसा उसका बजट।’’ योगी सरकार के बजट के आकलन पर अखिलेश कहते हैं, ‘‘इस बजट को मेरी तरफ से शायद ही कुछ नम्बर मिलें।’’ अखिलेश ने कहा कि बजट में कुछ भी नया नहीं है, जो था वह भी खो दिया। बजट में किसानों और व्यापारियों के लिये कुछ नहीं है, बेरोजगारी के खात्मे के लिये कुछ नहीं है। ना ही स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा के लिये कोई बजट है। यह बजट धोखा देने वाला निकला। उन्होंने दावा किया कि जितना काम सपा सरकार ने अयोध्या, काशी और मथुरा में किया है, उसका आधा बजट भी योगी सरकार नहीं दे पायी है। जो काम सपा सरकार में हुआ, उसे आगे नहीं बढ़ा पायी। अब चुनाव आ गया है तो कुछ बजट दे दिया।
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अखिलेश ने कहा कि नये मेडिकल कॉलेजों के लिये कोई प्रावधान नहीं है। शिक्षा के लिये कुछ नया नहीं। कोई नया सैनिक स्कूल नहीं खुलने जा रहा है। एक्सप्रेसवे के लिये जो धन दिया गया है, वह ऊंट के मुंह में जीरा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल लखनऊ में हुई इन्वेस्टर्स समिट में सौर ऊर्जा क्षेत्र में सबसे ज्यादा निवेश की बात कही थी लेकिन उसने बजट में इसके लिये धन ही नहीं दिया है। इसके अलावा 'मेक इन इंडिया' भी कैसे बनेगा, जब इसके लिये कोई बजट ही नहीं दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी गौमाता को बचाने के लिये बजट भाषण में कई जगह धन के आबंटन की बात कही गयी है लेकिन औसत लगायें तो हर गांव को इसके लिये सिर्फ 42 हजार रुपये मिलेंगे। क्या इतने भर से गौसेवा हो जाएगी?
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