''महागठबंधन'' के दबाव में अखिलेश यादव! नये प्रधानमंत्री पर अटकी सुई

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रेनू तिवारी । Aug 29 2018 4:59PM

2019 के लोकसभा चुनाव में जोरदार वापसी के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जबरदस्त तैयारी में जुटी हुई है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस सभी विपक्षी पार्टियों को एक जुट रखने का हर मुमकिन प्रयास कर रही है।

2019 के लोकसभा चुनाव में जोरदार वापसी के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जबरदस्त तैयारी में जुटी हुई है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस सभी विपक्षी पार्टियों को एक जुट रखने का हर मुमकिन प्रयास कर रही है। हाल ही में इस एकजुटता को बनाए रखने के लिए कांग्रेस और महागठबंधन ने ये ऐलान किया किया हैं कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले वो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं करेगी। इस ऐलान के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए विपक्ष किस चेहरे को तैयार कर रहा है? 

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि देश चाहता है कि अगले लोकसभा चुनाव के बाद नया प्रधानमंत्री बने, इसलिये नौजवानों की लड़ाई देश को नया प्रधानमंत्री देने की होगी, ताकि हमारा देश खुशहाल हो सके। अखिलेश ने समाजवादी लोहिया वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक से इतर कहा कि देश की जनता बदलाव चाहती है। ना सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश की जनता महंगाई का सामना कर रही है। नौजवानों ने बेरोजगारी देख ली है, किसानों को धोखा मिला है, व्यापारी नोटबंदी और जीएसटी से परेशान हैं। देश चाहता है कि नया प्रधानमंत्री बने, इसलिये नौजवानों की लड़ाई देश को नया प्रधानमंत्री देने की होगी, ताकि हमारा देश खुशहाल हो सके।

अखिलेश यादव कह रहे है कि देश 2019 में नया प्रधानमंत्री चाहता है। लेकिन सवाल ये है कि नरेंद्र मोदी के आगे विपक्ष का प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन होगा क्या राहुल गांधी, मायावती या फिर ममता बनर्जी! इस सवाल का जवाब अखिलेश के पास है नहीं और हो भी नहीं सकता। यहीं वजह हैं कि उनका टेप रिकॉर्ड एक ही बात बार-बार दोहरा रहा हैं। अखिलेश चुनावी सवालों पर मीडिया के सामने हुंकार तो भरते है लेकिन कुछ कह नहीं पाते उनकी सुई बस नये प्रधानमंत्री पर अटक जाती है उसके बाद आगे नहीं बढ़ती। आखिर इस लुका छुपी की क्या वजह है... तो हम आपको बता दें कि असल में विपक्ष नहीं चाहता की चुनाव से पहले विपक्षी एकता टूट जाए क्योंकि जैसे ही नरेंद्र मोदी के मुकाबले किसी एक नाम को विपक्षी खेमा आगे करेगा तो दूसरे दावेदार अपना अलग रास्ता खोज लेंगे इस लिए सभी पार्टियों की फिल्डिंग महागठबंधन में ज्यादा से ज्यादा सीट पाने की हैं। 

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