सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को आठ जून तक अग्नि सुरक्षा ऑडिट पूरा कराना होगा: Bhardwaj

Saurabh Bhardwaj
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पुलिस ने रविवार को कहा था कि विवेक विहार स्थित जिस निजी नवजात शिशु अस्पताल में आग लगने से सात नवजात शिशुओं की मौत हुई और पांच शिशु झुलसे उसका लाइसेंस समाप्त हो चुका था।

दिल्ली के एक अस्पताल में आग लगने से सात नवजात शिशुओं की मौत के बाद सरकार सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को आठ जून तक अग्नि सुरक्षा ऑडिट पूरा कराने और एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश देगी।

स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को यह जानकारी दी। भारद्वाज ने पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके में शिशु अस्पताल में हुई आग लगने की घटना पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हमने 24 अप्रैल को सभी अस्पतालों को अग्नि सुरक्षा तैयारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। हमने उन्हें अग्नि सुरक्षा ऑडिट कराने के लिए कहा था। हम दिल्ली के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को आठ जून तक अग्नि सुरक्षा ऑडिट कराने और स्वास्थ्य विभाग को एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने के लिए कहेंगे।”

मंत्री ने यह भी कहा कि दो नर्सों और कुछ स्थानीय व्यक्तियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना शिशुओं को बचाया। उन्होंने कहा, “हम वीरता पुरस्कारों के लिए उनके नामों की अनुशंसा करेंगे।”

भारद्वाज ने कहा कि राजस्व विभाग को आग में मारे गए बच्चों और घायलों के परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा जाएगा। दिल्ली सचिवालय में हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे, जिसमें गर्मी की स्थिति पर भी चर्चा हुई।

पुलिस ने रविवार को कहा था कि विवेक विहार स्थित जिस निजी नवजात शिशु अस्पताल में आग लगने से सात नवजात शिशुओं की मौत हुई और पांच शिशु झुलसे उसका लाइसेंस समाप्त हो चुका था।

पुलिस के अनुसार अस्पताल में योग्य चिकित्सक भी नहीं थे और अग्निशमन विभाग से भी कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। पुलिस ने अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खिची और डॉ. आकाश को गिरफ्तार कर लिया है, जो शनिवार देर रात आग लगने के समय ड्यूटी पर थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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